पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों का मनोबल बढ़ा और बाजार ने सकारात्मक रुख दिखाया. विशेषज्ञों का कहना है कि इसका मुख्य कारण RBI के विकास संबंधी रुख और नए आर्थिक सुधार हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ.
सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त
शुक्रवार को सेंसेक्स 223.86 अंक यानी 0.28% बढ़कर 81,207.17 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 57.95 अंक यानी 0.23% की बढ़त के साथ 24,894.25 पर बंद हुआ. खास बात यह रही कि निफ्टी ने अपने 50-डे मूविंग एवरेज 24,830 को पार किया और डेली चार्ट पर बुलिश कैंडल बनाई. इसका मतलब है कि पिछले हफ्ते की गिरावट के बाद बाजार में रिकवरी की शुरुआत हो गई है.
RBI की घोषणाओं ने बढ़ाया विश्वास
एक्सपर्ट्स का कहना है कि RBI ने वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी वृद्धि दर को 6.8% करने का अनुमान बढ़ाया और कुछ ऐतिहासिक सुधारों की घोषणा की. इससे बैंकिंग सेक्टर में निवेशकों का भरोसा बढ़ा और पीएसयू बैंक शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया. निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स ने बीते हफ्ते 4.43% की बढ़त दर्ज की.
मेटल और कमोडिटी सेक्टर में तेजी
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जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर के अनुसार, अक्टूबर में अमेरिकी फेड की ब्याज दरों में कटौती, डॉलर इंडेक्स में नरमी और बेस मेटल की स्थिर कीमतों ने मेटल शेयरों में तेजी बनाए रखने में मदद की. इसी तरह सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प बना रहा और चांदी में भी औद्योगिक मांग और सप्लाई-साइड बाधाओं के चलते तेजी देखी गई.
कंज्यूमर सेक्टर में मजबूती, आईटी और फार्मा में गिरावट
विशेषज्ञों के मुताबिक, फेस्टिव सीजन की उम्मीदों और बढ़ती मांग के कारण कंज्यूमर ड्यूरेबल्स यानी उपभोक्ता केंद्रित सेक्टर में तेजी रही. लेकिन अमेरिका-भारत व्यापार समझौते में प्रगति की कमी के कारण आईटी और फार्मा सेक्टर में हल्की गिरावट देखी गई.
बेंचमार्क इंडेक्स
बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के अनुसार, बीते हफ्ते बेंचमार्क इंडेक्स ने लगभग 1% की बढ़त दर्ज की और सप्ताह का समापन सकारात्मक रुख के साथ किया. मेटल, पीएसयू बैंक और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1-2% की बढ़त रही. निफ्टी बैंक पिछले 3-4 सत्रों से मजबूत दिख रहा है और डेली चार्ट पर बुलिश कैंडल बनाना यह संकेत देता है कि बैंकिंग शेयरों में मजबूती के कारण बाजार में सकारात्मक गति जारी रहेगी.
आगे का रुख और संभावनाए
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में मजबूत आय और मौसमी मांग बाजार को समर्थन देगी. हालांकि वैश्विक व्यापारिक घटनाक्रम और अमेरिकी नीतिगत कदम अल्पकालिक अस्थिरता ला सकते हैं. फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती और आगे भी नरमी की संभावना से विदेशी निवेशकों (FII) का पैसा भारत की ओर आ सकता है, जिससे बाजार में और तेजी आएगी.
निवेशकों के लिए संदेश
इस हफ्ते बाजार ने यह दिखाया कि निवेशक अब सकारात्मक आर्थिक संकेतों और मजबूत सेक्टरल प्रदर्शन के आधार पर निवेश कर सकते हैं. फेस्टिवल डिमांड, मेटल, बैंकिंग और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में तेजी देखने को मिली, जबकि आईटी और फार्मा में थोड़ी गिरावट रही. लॉन्ग टर्म में निवेशकों को संतुलित पोर्टफोलियो बनाकर और बाजार के रुझानों पर नजर रखकर निवेश करना चाहिए.
कुल मिलाकर, बीते हफ्ते भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों के विश्वास में मजबूती, सेक्टरल प्रदर्शन में संतुलन और सकारात्मक आर्थिक संकेतों के चलते अच्छा प्रदर्शन किया. आने वाले हफ्तों में घरेलू और वैश्विक कारक बाजार की गति तय करेंगे, लेकिन लॉन्ग टर्म में सुधार की संभावना बनी हुई है.
खबर से जुड़े FAQs
1. पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार कैसा रहा?
पिछले सप्ताह बाजार में सकारात्मक रुख रहा, सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त हुई, खासकर बैंकिंग और मेटल सेक्टर में.
2. बैंकिंग सेक्टर में मजबूती का कारण क्या रहा?
RBI के विकास संकेत और वित्त वर्ष 2026 के लिए बढ़ी हुई GDP वृद्धि दर के अनुमान से बैंकिंग शेयरों में मजबूती आई.
3. मेटल और कमोडिटी सेक्टर में तेजी क्यों आई?
अमेरिकी फेड की ब्याज दरों में संभावित कटौती, डॉलर इंडेक्स में नरमी और बेस मेटल की स्थिर कीमतों से मेटल शेयर और सोना-चांदी मजबूत रहे.
4. आईटी और फार्मा सेक्टर में गिरावट क्यों रही?
अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते में प्रगति की कमी के कारण आईटी और फार्मा सेक्टर में हल्की गिरावट आई.
5. निवेशकों को आने वाले हफ्तों में क्या ध्यान रखना चाहिए?
निवेशकों को लॉन्ग टर्म के नजरिए से संतुलित पोर्टफोलियो रखना चाहिए और फेस्टिव डिमांड, बैंकिंग, मेटल व कंज्यूमर सेक्टर के रुझानों पर नजर रखनी चाहिए.
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