धर्मस्थल में दफन शवों की जांच में नया खुलासा, तीन खोपड़ियों की आई FSL रिपोर्ट, मौत की वजह अब भी रहस्य!


फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) ने तीन खोपड़ियों और हड्डियों के अवशेषों पर अपनी रिपोर्ट बुधवार (01 अक्टूबर, 2025) को सौंप दी, जिनकी पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में ‘कई हत्या, बलात्कार और शवों को दफनाने’ के आरोपों की SIT जांच के तहत पड़ताल की गई थी. यह जानकारी विशेष जांच दल (SIT) के सूत्रों ने दी. 

सूत्रों ने बताया कि विशेष जांच दल (SIT) को इलाके में मिले मानव अवशेषों के FSL विश्लेषण की पहली रिपोर्ट मिल गई है. SIT सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में बताया गया है कि चिन्नैया की ओर से अदालत में पेश की गई खोपड़ी लगभग 40 वर्षीय एक पुरुष की थी.

फ्रैक्चर या हमले से संबंधित चोट का कोई सबूत नहीं

सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार, स्थल-6 से बरामद दूसरी खोपड़ी और हड्डियों की पहचान 25-30 साल के एक पुरुष की है. वहीं स्थल-15 पर पेड़ों की जड़ों के पास मिले तीसरे अवशेष 35-39 साल के एक पुरुष के थे. एक सूत्र ने बताया कि FSL विश्लेषण में किसी भी अवशेष पर किसी भी प्रकार के फ्रैक्चर या हमले से संबंधित चोट का कोई सबूत नहीं मिला.

सूत्र ने बताया कि तीनों व्यक्तियों की मौत का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. उन्होंने बताया कि संभावित जहर की जांच के लिए नमूने अहमदाबाद स्थित FSL भेजे गए हैं. इसके अलावा, सूत्रों ने बताया कि बंगलेगुड्डे में बाद में हुई खुदाई के दौरान बरामद कुछ और खोपड़ियों और कंकालों के नमूनों को अभी फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाना बाकी है.

SIT चिन्नैया के आरोपों की कर रहा जांच

SIT अवशेषों से जुड़ी परिस्थितियों और चिन्नैया के आरोपों से उनके संबंध की जांच जारी रखे हुए है. अधिकारियों ने जांच की प्रगति या निष्कर्षों के संदर्भ के बारे में और विवरण जारी नहीं किए हैं. मृत्यु के कारण के बारे में रिपोर्ट की अनिर्णायक प्रकृति ने और जांच की संभावना को खुला छोड़ दिया है और अतिरिक्त अवशेषों के फोरेंसिक विश्लेषण से और स्पष्टता मिलने की उम्मीद है. 

हालांकि मामला अभी भी जांच के दायरे में है, क्योंकि SIT जारी जांच के परिणामों की प्रतीक्षा कर रही है. यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक शिकायतकर्ता ने धर्मस्थल में कुछ समय के दौरान कई शवों को दफनाने का दावा किया.

भाजपा ने मंदिर पर निशाना बनाए जाने का लगाया आरोप

शिकायतकर्ता की बाद में पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई और जिसे झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंदिर को निशाना बनाए जाने का विरोध किया था. उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने भी चेतावनी दी थी कि अगर शिकायत झूठी निकली तो कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें:- एक साल में दहेज से जुड़े 15 हजार मामले, 6 हजार से ज्यादा महिलाओं की मौत…NCRB के आंकड़े देख रूह कांप जाएगी

Read More at www.abplive.com