Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के समय में जवार को बोने की पारंपरिक प्रथा है. इसे मां दुर्गा के प्रसाद के रूप में बोया जाता है. नवरात्रि के नौ दिनों तक इसकी देखभाल की जाती है, फिर दशमी के दिन इसे पूरे रीति रिवाज के साथ विसर्जित किया जाता है.
नवरात्रि में जवार को बोने से हमारे जीवन में सकारात्मकता और शुभ फल की प्राप्ति होती है. चलिए जानते हैं कि जवारों का नवरात्रि के बाद क्या करना चाहिए और इसके क्या महत्व है?
जवारों का जीवन पर महत्व
- जवार को बोना नए जीवन के शुरूआत का प्रतीक है.
- जवारों के हरेपन से घर में सुख-शांति, समृद्धि और प्रगति की ओर बढ़ने का संकेत देता है.
- जवारों की वृद्धि को देखकर पूरे साल की किसानी और व्यक्ति के जीवन के विकास का अंदाजा लगाया जा सकता है.
- नवरात्रि के बाद जवारों को मां के प्रसाद स्वरूप ग्रहण करना चाहिए. इससे मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
नवरात्रि के बाद जवारों के उपाय
नवरात्रि के बाद जब जवारों सुखाकर किसी साफ कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन रखने वाली जगह पर रखें. यह करने से घर पर लक्ष्मी मां का आशीर्वाद बना रहता है ओर बरकत भी होती है.
अगर कोई व्यक्ति ये उपाय नहीं करना चाहता तो जवारों को किसी पवित्र जगह पर रख दें. जैसे पीपल के पेड़ के पास या किसी नदी-तालाब में विसर्जित कर दें. वरना घर के आंगन के गमले में दबाकर भी रख सकते हैं.
जवारों को तिजोरी में रखने के फायदे
- नवरात्रि के बाद जवारों को मां दुर्गा का प्रसाद माना जाता है. इसलिए इसे तिजोरी में रखने से मां लक्ष्मी का घर में वास भी होता है.
- यह करने से तिजोरी में रखें धन की वृद्धि होती है और घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं होती.
इन चीजों का रखें ध्यान
- जवारों के विसर्जन के वक्त स्वच्छता और शुद्धता का पूरा ख्याल रखें.
- तिजोरी में रखने के बाद उसे हर थोड़े दिन पर साफ करें
- इसे किसी भी अशुद्ध जगह या नदी में न फेंके. यह करने से पाप लगता है और मां नाराज होती हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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