Shani Dosha: कुंडली में शनि दोष है या नहीं! इन 5 संकेतों से पता लगाएं, जानें बचाव के उपाय


Shani Dosh: शनि दोष कुंडली में शनि ग्रह की अशुभ स्थिति से उत्पन्न होता है, जिससे जातक के जीवन में धन हानि, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, बाधाएं, और रिश्तों में कलह जैसी समस्याएं आती हैं. इसका कारण कुंडली में शनि की प्रतिकूल स्थिति या बुरे कर्म हो सकते हैं.

इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए शनि देव की पूजा करना, हनुमान चालीसा पढ़ना, और नीलम रत्न धारण करना जैसे उपाय किए जाते हैं.   

शनि दोष का पता कैसे लगाएं

शनि दोष का पता लगाने के लिए पेशेवर ज्योतिषी से अपनी जन्म कुंडली का विश्लेषण कराना सबसे सटीक तरीका है, क्योंकि यह शनि के प्रतिकूल स्थिति या साढ़ेसाती/ढैय्या की स्थिति को स्पष्ट कर सकता है.

शनि दोष के सामान्य लक्षणों में बनते काम में बाधा, कर्ज बढ़ना, धन का नुकसान, शारीरिक कष्ट, मानसिक तनाव और समय से पहले बाल झड़ना, शामिल हैं.  

शनि दोष के 5 सामान्य संकेत

कामों में रुकावट और धन की कमी
ज्योतिषी मान्यता के अनुसार यदि शनि ग्रह आपकी कुंडली में अशुभ स्थिति में है तो इसके कारण आपके कामों में रुकावटें आ सकती हैं, धन की कमी हो सकती है, मानसिक तनाव रह सकता है और जीवन में संघर्ष बढ़ सकता है.

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
समय से पहले बाल झड़ने लगते हैं, आंखों की रोशनी कमजोर होती है, या कान से जुड़ी कोई समस्या आ सकती है. 

आलस और मानसिक कष्ट
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि दोष के प्रभाव से आलस्य, शारीरिक कष्ट जैसे जोड़ों के दर्द और मानसिक तनाव, अवसाद, चिंता जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं.

शनि को कठिनाइयों और परिश्रम का प्रतीक माना जाता है और कमजोर या पीड़ित होने पर यह इन नकारात्मक प्रभावों को जीवन में लाता है.

रिश्तों में तनाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि की अशुभ स्थिति से रिश्तों में तनाव आ सकता है, जिसमें वैवाहिक जीवन में अनबन, प्रेम संबंधों में दरारें और दोस्तों से रिश्ते खराब होना शामिल हैं. शनि देव की नाराजगी के संकेत के रूप में रिश्तों में बिना वजह की लड़ाई-झगड़े, मनमुटाव और धोखे जैसी समस्याएं सामने आती हैं.  

सफलता में बाधा
ज्योतिष के अनुसार शनि दोष आपकी सफलता में बाधा डाल सकता है, क्योंकि यह प्रतिकूल परिस्थितियों, बाधाओं, और मेहनत के बावजूद सफलता न मिलने का कारण बन सकता है. शनि दोष के लक्षण बनने वाले कामों में रुकावटें आना, कर्ज का बढ़ना, और धन-संपत्ति का धीरे-धीरे खत्म होना हो सकते हैं.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Read More at www.abplive.com