Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि और दशहरा में शमी पत्तियों का महत्व! जानें इसका आदान-प्रदान करना क्यों हैं शुभ?

दशहरे के दिन शमी के पत्तों को सोने का प्रतीक मानकर आपस में बांटने की परंपरा है, जिससे लक्ष्मी मां की कृपा और धन-समृद्धि बनी रहती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान राम ने रावण पर विजय पाने से पहले शमी वृक्ष की पूजा की थी, इसलिए इसे विजय का प्रतीक माना जाता है. पांडवों ने भी अपने शस्त्र इसी वृक्ष में छिपाए थे और शनि देव को यह वृक्ष प्रिय है, जिससे शनि दोषों से मुक्ति मिलती है.

दशहरे के दिन शमी के पत्तों को सोने का प्रतीक मानकर आपस में बांटने की परंपरा है, जिससे लक्ष्मी मां की कृपा और धन-समृद्धि बनी रहती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान राम ने रावण पर विजय पाने से पहले शमी वृक्ष की पूजा की थी, इसलिए इसे विजय का प्रतीक माना जाता है. पांडवों ने भी अपने शस्त्र इसी वृक्ष में छिपाए थे और शनि देव को यह वृक्ष प्रिय है, जिससे शनि दोषों से मुक्ति मिलती है.

नवरात्रि में मां दुर्गा को शमी का पत्ता चढ़ाने से रोग-दोष, भय और सभी संकट दूर होते हैं, ग्रह-नक्षत्रों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और धन-समृद्धि व मां की भी कृपा प्राप्त होती है. शास्त्रों में नवरात्रि में शमी के पत्तों से पूजन का विधान है, और यह विजय व समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है.

नवरात्रि में मां दुर्गा को शमी का पत्ता चढ़ाने से रोग-दोष, भय और सभी संकट दूर होते हैं, ग्रह-नक्षत्रों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और धन-समृद्धि व मां की भी कृपा प्राप्त होती है. शास्त्रों में नवरात्रि में शमी के पत्तों से पूजन का विधान है, और यह विजय व समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है.

नवरात्रि के दौरान शमी के पत्तों की पूजा और लेन-देन से रोग-दोषों से मुक्ति मिल सकती है, क्योंकि शमी का पत्ता भगवान शिव और शनि देव को प्रिय है. मान्यता के अनुसार शिवलिंग पर शमी के पत्ते चढ़ाने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं. इसके अलावा, शनि दोष शांत करने और बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए भी शमी के पत्तों का उपयोग किया जाता है.

नवरात्रि के दौरान शमी के पत्तों की पूजा और लेन-देन से रोग-दोषों से मुक्ति मिल सकती है, क्योंकि शमी का पत्ता भगवान शिव और शनि देव को प्रिय है. मान्यता के अनुसार शिवलिंग पर शमी के पत्ते चढ़ाने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं. इसके अलावा, शनि दोष शांत करने और बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए भी शमी के पत्तों का उपयोग किया जाता है.

नकारात्मक ऊर्जा का नाश: मान्यता के अनुसार नवरात्रि और विशेषकर दशहरे के दिन शमी की पत्तियां घर में लाने और एक-दूसरे को बांटने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, जो जीवन की हर कठिनाइयों को कम करने में मदद भी करता है.

नकारात्मक ऊर्जा का नाश: मान्यता के अनुसार नवरात्रि और विशेषकर दशहरे के दिन शमी की पत्तियां घर में लाने और एक-दूसरे को बांटने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, जो जीवन की हर कठिनाइयों को कम करने में मदद भी करता है.

मान्यता के अनुसार नवरात्रि और विशेषकर दशहरे के दिन शमी की पत्तियां घर में लाने और एक-दूसरे को बांटने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, जो जीवन की हर कठिनाइयों को कम करने में मदद भी करता है.

मान्यता के अनुसार नवरात्रि और विशेषकर दशहरे के दिन शमी की पत्तियां घर में लाने और एक-दूसरे को बांटने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, जो जीवन की हर कठिनाइयों को कम करने में मदद भी करता है.

शमी का पेड़ शनि देव से संबंधित है और शमी के पत्ते चढ़ाने से शनि दोष से राहत मिलती है और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. नवरात्रि के दौरान शमी के पत्तों से मां दुर्गा की पूजा करने से हर काम में सफलता प्राप्त होती है.

शमी का पेड़ शनि देव से संबंधित है और शमी के पत्ते चढ़ाने से शनि दोष से राहत मिलती है और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. नवरात्रि के दौरान शमी के पत्तों से मां दुर्गा की पूजा करने से हर काम में सफलता प्राप्त होती है.

Published at : 01 Oct 2025 01:39 PM (IST)

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