नई दिल्ली। पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) के खिलाफ लद्दाख पुलिस (Ladakh Police) के तरफ से लगाए गए आरोपों पर उनकी पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो (Gitanjali J Angmo) ने सख्त ऐतराज जताया है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक ( DGP) के बयानों को झूठा बताया है। डीजीपी (DGP) की गढ़ी गई कहानी बताते हुए गीतांजलि जे. अंगमो (Gitanjali J Angmo) ने कहा कि यह एक सोची-समझी साजिश है, जिसके जरिए किसी को फंसाकर मनमर्जी करने की कोशिश हो रही है।
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गीतांजलि ने कहा कि हम डीजीपी ( DGP) के बयान की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि पूरा लद्दाख इन आरोपों को खारिज करता है। ये एक बनावटी कहानी है, ताकि किसी को बलि का बकरा बनाया जा सके और वे जो चाहें वो कर सकें।
🎥 | Gitanjali Angmo condemned the curfew in Leh, defended her husband #SonamWangchuk, and said the peaceful youth protests were being wrongly misrepresented. #TheStatesman pic.twitter.com/0ggTfJmxJq
— The Statesman (@TheStatesmanLtd) September 30, 2025
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उन्होंने सवाल उठाया कि सीआरपीएफ (CRPF) को गोली चलाने का आदेश किसने दिया? अपने ही नागरिकों पर गोली कौन चलाता है? खासकर वहां, जहां कभी हिंसक प्रदर्शन नहीं हुए। गीतांजलि का कहना है कि सोनम वांगचुक का इस पूरी घटना से कोई लेना-देना नहीं था। वे तो उस समय किसी और जगह शांतिपूर्वक भूख हड़ताल पर बैठे थे। वे वहां मौजूद ही नहीं थे, तो वे किसी को कैसे उकसा सकते हैं?
आरोप लगाया कि प्रशासन का मकसद छठे शेड्यूल को लागू न करना है, और इसके लिए एक झूठा नैरेटिव गढ़ा जा रहा है। डीजीपी जो कुछ भी कह रहे हैं, वो एक एजेंडे का हिस्सा है। वे किसी भी हालत में छठी अनुसूची लागू नहीं करना चाहते और अब किसी को बलि का बकरा बना रहे हैं।
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