सिल्वर में आई तेजी ने निवेशकों को हैरान किया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिल्वर में यह तेजी जारी रह सकती है। अब तो मशहूर इनवेस्टर जिम रोजर्स ने भी सिल्वर को अपनी पहली पसंद बता दी है। उन्होंने कहा कि अगर आज उन्हें इनवेस्ट करना होगा तो वह सिल्वर में निवेश करना पसंद करेंगे। पिछले कुछ समय से सोने और चांदी दोनों में उछाल देखने को मिला है। इससे इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बुलियन में बढ़ी है। इनवेस्टर्स की दिलचस्पी गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में भी बढ़ी है।
गोल्ड और सिल्वर में जबर्दस्त उछाल
इनवेस्टमेंट का दशकों का अनुभव रखने वाले रोजर्स ने कहा कि दुनियाभर में लोगों की दिलचस्पी गोल्ड, सिल्वर और कॉपर में बढ़ी है। उन्होंने कहा कि उनके पास गोल्ड और सिल्वर हैं। लेकिन, इनकी कीमतें जिस तरह से चढ़ी है, उससे वे मौजूदा कीमतों पर निवेश नहीं करना चाहेंगे। लेकिन, अगर इनकी कीमतें गिरती हैं तो वे इनमें निवेश करना पसंद करेंगे। दुनिया के कई देशों के केंद्रीय बैंक भी गोल्ड में निवेश बढ़ा रहे हैं, जिससे इसकी कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।
स्टॉक मार्केट्स में भी तेजी का रुख
उन्होंने कहा कि उनके चांदी खरीदने की वजह यह है कि इसकी कीमतें अभी ऑल टाइम हाई पर नहीं पहुंची हैं। उधर, गोल्ड की कीमतें ऑल टाइम हाई पर पहुंच चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अभी ऐसी स्थिति है, जब ज्यादातर एसेट्स की कीमतों में उछाल है। दुनिया के ज्यादातर देशों के स्टॉक मार्केट्स में उछाल है। अमेरिकी स्टॉक मार्केट्स के प्रमुख सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। अमेरिकी मार्केट्स में तो 2009 से ही तेजी देखने को मिल रही है।
इंडिया में सिल्वर फ्यूचर्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर
इंडिया में सिल्वर फ्यूचर्स 29 सितंबर को ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिल्वर में तेजी की कई वजहें हैं। जियोपॉलिटिकल टेंशन से इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बुलियन में बढ़ी है। इधर, डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से गोल्ड और सिल्वर जैसी इंपोर्टेड कमोडिटीज की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। चांदी के साथ एक खास बात यह है कि इसका इस्तेमाल कई इंडस्ट्रीज में हो रहा है। इसकी सप्लाई डिमांड के मुकाबले कम है, जिससे इसकी कीमतें चढ़ रही हैं।
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