उत्तराखंड के युवा पत्रकार राजीव प्रताप जी का लापता होना और फिर मृत पाया जाना सिर्फ़ दुखद नहीं, भयावह है: राहुल गांधी

नई दिल्ली। उत्तराखंड में पत्रकार राजीव प्रताप की हुई संदिग्ध मौत के मामले में कांग्रेस सांसद और लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि, इस मुश्किल वक्त में शोकाकुल परिवार को अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और उनके साथ खड़ा हूं। BJP राज में आज ईमानदार पत्रकारिता भय और असुरक्षा के साये में जी रही है।

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राहुल गांधी ने एक न्यूज की कटिंग को एक्स पर शेयर किया है। इसके साथ ही लिखा, उत्तराखंड के युवा पत्रकार राजीव प्रताप जी का लापता होना और फिर मृत पाया जाना सिर्फ़ दुखद नहीं, भयावह है। इस मुश्किल वक्त में शोकाकुल परिवार को अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और उनके साथ खड़ा हूं।

उन्होंने आगे लिखा, BJP राज में आज ईमानदार पत्रकारिता भय और असुरक्षा के साये में जी रही है। जो सच लिखते हैं, जनता के लिए आवाज़ उठाते हैं, सत्ता से सवाल पूछते हैं-उन्हें धमकियों और हिंसा से चुप कराने की कोशिश की जा रही है। राजीव जी के साथ हुआ पूरा घटनाक्रम ऐसे ही षड़यंत्र की ओर इशारा करता है। राजीव जी की मृत्यु की अविलंब निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए और पीड़ित परिवार को बिना देरी न्याय मिलना चाहिए।

ये है पूरा घटनाक्रम
बता दें कि, राजीव प्रताप 18 सितंबर की रात को लापता हुए थे। बताया जा रहा है कि, वह ज्ञानसू से गंगोरी की ओर अपने दोस्त की कार चला रहे थे, लेकिन घर नहीं पहुंचे। अगली सुबह उनकी क्षतिग्रस्त कार स्यूणा के पास भागीरथी नदी के किनारे मिली थी, लेकिन उसमें केवल उनकी चप्पलें मिलीं लेकिन राजीव का कोई सुराग नहीं मिला। दस दिनों की लंबी खोज के बाद, रविवार को पुलिस और आपदा प्रबंधन की संयुक्त टीम ने उनका शव जोशियाड़ा बैराज से बरामद किया था। इस घटना के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। परिजन इस घटना पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।

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