कब आएगा 6G फोन? जानिए 5G से कितना होगा अलग, होंगे ऐसे धांसू फीचर्स जो उड़ा देंगे आपके होश


6G: तकनीक की दुनिया हर दिन नए बदलावों से गुजर रही है. अभी भारत समेत कई देशों में 5G नेटवर्क का विस्तार हो रहा है और लोग हाई-स्पीड इंटरनेट का मज़ा ले रहे हैं. लेकिन अब चर्चा 6G की होने लगी है जिसे मोबाइल कम्युनिकेशन का अगला बड़ा कदम माना जा रहा है. सवाल यह है कि 6G फोन कब तक हमारे हाथों में होगा और यह 5G से कितना अलग होगा? आइए जानते हैं विस्तार से.

6G कब तक आ सकता है?

विशेषज्ञों का मानना है कि 6G टेक्नोलॉजी पर रिसर्च 2020 के बाद से ही तेज़ हो गई है. साउथ कोरिया, जापान, अमेरिका और चीन इस दिशा में तेज़ी से काम कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2030 तक 6G नेटवर्क का इस्तेमाल शुरू हो सकता है. भारत भी इस रेस में पीछे नहीं है यहां सरकार और कई टेक कंपनियां 6G को लेकर तैयारी कर रही हैं. संभावना है कि अगले 5-6 सालों में 6G स्मार्टफोन्स की एंट्री मार्केट में हो सकती है.

5G से कितना अलग होगा 6G?

5G ने मोबाइल इंटरनेट को बहुत तेज़ बना दिया है लेकिन 6G इसे एक नए स्तर पर ले जाएगा. जहां 5G की डाउनलोड स्पीड 10 Gbps तक पहुंच सकती है, वहीं 6G में यह स्पीड 100 Gbps या उससे भी ज्यादा हो सकती है. इसका मतलब है कि कुछ ही सेकंड में पूरी फिल्म या भारी डेटा फाइल डाउनलोड करना संभव होगा. इसके अलावा, 5G से जहां कम लेटेंसी (delay) मिली है, वहीं 6G में यह और भी कम होगी. यानी वीडियो कॉल, ऑनलाइन गेमिंग या रियल-टाइम एप्लिकेशन में ज़रा भी रुकावट महसूस नहीं होगी.

6G से मिलने वाले धांसू फीचर्स

6G सिर्फ इंटरनेट स्पीड तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह कई ऐसे शानदार फीचर्स लेकर आएगा जो हमारी जिंदगी बदल सकते हैं.

होलोग्राम कॉलिंग: 6G नेटवर्क पर आप अपने किसी दोस्त या ऑफिस मीटिंग को होलोग्राम के रूप में 3D में देख सकेंगे.

AI और रोबोटिक्स इंटीग्रेशन: 6G नेटवर्क में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गहराई से शामिल होगी जिससे स्मार्ट डिवाइस और भी समझदार बनेंगे.

मेटावर्स और XR अनुभव: 6G के साथ वर्चुअल रियलिटी (VR), ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और मिक्स्ड रियलिटी (XR) बेहद स्मूद और वास्तविक लगेंगी.

स्पेस इंटरनेट कनेक्टिविटी: 6G उपग्रहों से जुड़कर दूर-दराज़ इलाकों और यहां तक कि समुद्र के बीच भी तेज़ इंटरनेट उपलब्ध करा सकता है.

और क्या मिलेगा खास

जब 6G आएगा तो नए स्मार्टफोन्स को इससे लैस होना पड़ेगा. इन फोन्स में एडवांस्ड चिपसेट, पावरफुल बैटरी और ऐसे मॉड्यूल होंगे जो अल्ट्रा-फास्ट नेटवर्क को सपोर्ट कर सकें. साथ ही, कंपनियां इसमें AI-आधारित फीचर्स, बेहतर कैमरे और नई तरह की डिस्प्ले टेक्नोलॉजी शामिल कर सकती हैं. हालांकि अभी हमें 6G के लिए कुछ साल इंतजार करना होगा लेकिन यह तय है कि यह तकनीक लोगों के जीने के तरीके को और भी बेहतर बना सकती है.

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