Brahma Muhurta: जो सोता है वो खोता है…ब्रह्म मुहूर्त का ऐसा रहस्य जिसे जानने के बाद आप कभी सुबह देर तक नहीं सोएंगे

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Brahma Muhurta: सूर्योदय से पहले का समय केवल अंधकार का नहीं है. शास्त्र कहते हैं कि इस क्षण में प्रकृति का हर कण दिव्यता से सराबोर होता है. इसे ही कहते हैं ब्रह्म मुहूर्त. वह काल जो सूर्योदय से लगभग 96 मिनट पहले से 48 मिनट पहले तक रहता है.

आयुर्वेद से लेकर विज्ञान तक मानता है कि इस समय उठना और साधना करना व्यक्ति को लंबी आयु, अपार ऊर्जा और असाधारण ज्ञान प्रदान करता है. आइए जानें क्यों यह समय जीवन-ऊर्जा का सबसे बड़ा रहस्य छिपाए बैठा है.

ब्रह्म मुहूर्त का समय और गणना

हिंदू पंचांग के अनुसार, दिन-रात के 30 मुहूर्त माने गए हैं. इनमें ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से पहले आता है. इसकी गणना सूर्योदय से 1 घण्टा 36 मिनट पहले की जाती है और यह सूर्योदय से 48 मिनट पहले तक चलता है.

उदाहरण के अनुसार यदि सूर्योदय 6:00 बजे है तो ब्रह्म मुहूर्त 4:24 से 5:12 तक रहेगा. यह वह समय है जब प्रकृति की ऊर्जा तरंगें मनुष्य के मस्तिष्क और आत्मा के साथ तालमेल बिठाती हैं.

शास्त्रीय प्रमाण के अनुसार मनुस्मृति कहती है कि ब्रह्मे मुहूर्ते उत्तिष्ठेत् स्वस्थो रक्षार्थमायुषः. यानी जो व्यक्ति स्वस्थ रहकर दीर्घायु चाहता है, उसे ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए.

अथर्ववेद में कहा गया है कि इस समय किया गया जप-तप हजार गुना फल देता है. वहीं योगसूत्र कहता है कि ध्यान और साधना का सर्वश्रेष्ठ समय ब्रह्म मुहूर्त ही माना गया है क्योंकि इस समय चित्त की वृत्तियां शांत रहती हैं.

ब्रह्म मुहूर्त में छिपा है आध्यात्मिक महत्व, आत्मा और ब्रह्म का संगम

  1. ध्यान और साधना का द्वार – ब्रह्म मुहूर्त में वातावरण सात्विक होता है. साधक का मन चंचलता छोड़ देता है, जिससे ध्यान गहरा होता है.
  2. जप और पूजा का विशेष फल – इस समय किए गए मंत्र-जप को देवता तुरंत स्वीकार करते हैं.
  3. आत्मिक शुद्धि – यह समय आत्मा के मैल धोने और ईश्वर से जुड़ने का माना गया है.
  4. ऋषि परंपरा – वेदों के ऋषि, तपस्वी और संत इसी समय साधना करके सिद्धि प्राप्त करते थे.

आयुर्वेद और स्वास्थ्य के लिहाज से क्यों ये समय है उत्तम

आयुर्वेद में दिनचर्या का आरंभ ब्रह्म मुहूर्त से करने का निर्देश दिया गया है. वात-पित्त-कफ का संतुलन: ब्रह्म मुहूर्त में शरीर के दोष संतुलित रहते हैं. इसके साथ ही इस समय जागने और जलपान करने से पेट संबंधी दिक्कतों से मुक्ति मिलती है. पाचन तंत्र मजबत होता है.

श्वसन तंत्र की शुद्धि में भी ये समय अहम भूमिका निभाता है. कहते हैं कि इस समय प्राणवायु यानी ऑक्सीजन की शुद्धता चरम पर होती है. इतना ही नहीं नींद का संतुलन बनता है क्योंकि जल्दी उठने वाले को नींद की गुणवत्ता बेहतर मिलती है. दिमाग तरोताजा महसूस करता है.

ब्रह्म मुहूर्त को लेकर चरक संहिता में कहा गया है कि इस समय उठने वाला व्यक्ति आयु, बल, सौंदर्य और बुद्धि से संपन्न होता है. सनातन काल से ही सबसे सर्वोत्तम समय माना गया है.

आधुनिक विज्ञान का रहस्य

  • ऑक्सीजन का स्तर: सूर्योदय से पहले वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है. यह फेफड़ों और मस्तिष्क को ऊर्जा देती है.
  • अल्फा ब्रेन वेव्स: इस समय मस्तिष्क अल्फा स्टेट में होता है, जिससे रचनात्मकता, एकाग्रता और शांति बढ़ती है.
  • हार्मोनल बैलेंस: रिसर्च कहती है कि मेलाटोनिन हार्मोन सूर्योदय से पहले उच्च स्तर पर होता है, जो मानसिक स्थिरता लाता है.
  • बॉडी क्लॉक: शरीर का प्राकृतिक जैविक घड़ी तंत्र इस समय जागने वाले को लंबी उम्र और ऊर्जा प्रदान करता है.

विद्यार्थी और विद्या के लिए स्वर्णिम समय

पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए ये समय तो गोल्डन टाइम है. विद्वान और विज्ञान दोनों ही इस बात को मानते हैं कि स्मरणशक्ति बढ़ाने और सीखने की क्षमता ब्रह्म मुहूर्त में सबसे तेज होती है.

विज्ञान की दृष्टि से देखे तो मस्तिष्क में डोपामिन और न्यूरल कनेक्शन मजबूत रहते हैं. गुरुकुल परंपरा में विद्यार्थियों को इसी समय उठाकर वेद आदि का अध्ययन कराया जाता था. आज भी UPSC, IIT या कठिन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थी अगर इस समय पढ़ें तो परिणाम चौंकाने वाले होते हैं.

आधुनिक जीवन में ब्रह्म मुहूर्त

कॉर्पोरेट पेशेवर के लिए यह समय प्लानिंग और क्रिएटिव सोच का बेहतरीन दौर है. योग और वर्कआउट के लिए भी यह समय आदर्श है. डिजिटल लाइफ में भी अगर इस समय को डिजिटल डिटॉक्स के रूप में अपनाया जाए तो मानसिक शांति अद्भुत होगी.

क्यों कहा जाता है जीवन का स्वर्ण द्वार?

ब्रह्म मुहूर्त वह समय है जब सूर्य की पहली किरण अभी धरती पर नहीं पड़ी होती. पृथ्वी की विद्युत चुंबकीय तरंगें इस क्षण सबसे शांत रहती हैं. मनुष्य का सबकॉन्शियस माइंड (अवचेतन मन) पूरी तरह ग्रहणशील रहता है. इसलिए शास्त्र और विज्ञान दोनों मानते हैं यह जीवन की रीसेट बटन दबाने का सही समय है.

ब्रह्म मुहूर्त कोई साधारण समय नहीं, बल्कि जीवन का रहस्यमय स्वर्ण काल है. जो व्यक्ति इस समय उठकर साधना, अध्ययन और स्वास्थ्य के नियमों का पालन करता है, वह केवल दीर्घायु ही नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक ऊंचाइयों तक पहुंचता है. यह काल हमें सिखाता है कि जीवन बदलने के लिए पूरे दिन नहीं, केवल 48-96 मिनट ही काफी हैं.

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