Late Pregnancy Complications: 30 के बाद प्रेग्नेंट होने में क्या आ सकती हैं दिक्कतें? जानें बच्चा पैदा करने की सही उम्र


Late Pregnancy Complications: करियर, लाइफस्टाइल और पर्सनल प्रायोरिटी की वजह से कई महिलाए शादी और प्रेग्नेंसी की प्लानिंग देर से करती हैं. लेकिन अक्सर 30 की उम्र पार करने के बाद प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. डॉक्टरों का मानना है कि उम्र बढ़ने के साथ महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव और रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर असर पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि महिलाएसमय रहते सही जानकारी लें और प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले अपनी हेल्थ पर खास ध्यान दें.

इस मामले को लेकर गायनोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका यादव बताती हैं कि 30 साल की उम्र के बाद महिला के पीरियड साइकिल में बदलाव आने लगता है. इस वजह से ऑव्यूलेशन (अंडे का बनना और रिलीज होना) ठीक से नहीं हो पाता. जब ऑव्यूलेशन नियमित नहीं होता, तब कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है. इसके अलावा इस उम्र में AMH (Anti-Müllerian Hormone) का लेवल भी कम होने लगता है. यह हार्मोन ओवरी रिजर्व यानी अंडों की संख्या और क्वालिटी को दर्शाता है. AMH का स्तर गिरने से फर्टिलिटी कम हो जाती है और प्रेग्नेंसी होने में देर लग सकती है.

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हार्मोनल बदलाव और अनियमित पीरियड्स

30 के बाद महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन एक आम समस्या बन जाती है. इससे पीरियड्स कभी जल्दी, तो कभी देर से आते हैं. अनियमित पीरियड्स की वजह से सही समय पर प्रेग्नेंसी प्लान करना मुश्किल हो सकता है. यही नहीं हार्मोनल असंतुलन कई बार PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) जैसी समस्याएभी पैदा कर देता है, जिससे गर्भधारण करना और कठिन हो जाता है.

30 के बाद प्रेग्नेंसी से जुड़ी स्वास्थ्य चुनौतियां क्या-क्या हैं

  • अंडों की क्वालिटी कम होना उम्र के साथ अंडे की गुणवत्ता घटने लगती है.
  • मिसकैरेज का खतरा रिसर्च के अनुसार 30 के बाद मिसकैरेज का रिस्क बढ़ जाता है.
  • हाई रिस्क प्रेग्नेंसी इस उम्र में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और थायरॉइड जैसी समस्याएँ भी प्रेग्नेंसी को कॉम्प्लिकेट कर सकती हैं.
  • IVF या अन्य ट्रीटमेंट की जरूरत कई बार प्राकृतिक रूप से गर्भधारण न होने पर आर्टिफिशियल रिप्रोडक्टिव तकनीक का सहारा लेना पड़ता है.

बच्चा पैदा करने की सही उम्र क्या है?

डॉक्टरों के मुताबकि, महिला के लिए 25 से 30 साल की उम्र गर्भधारण के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इस दौरान महिला का शरीर हेल्दी होता है, अंडों की क्वालिटी बेहतर होती है और हार्मोनल बैलेंस भी सही रहता है. हालांकि, हर महिला की हेल्थ कंडीशन अलग होती है, इसलिए डॉक्टर से काउंसलिंग करके ही फैमिली प्लानिंग करना सबसे सही विकल्प है.

  • 30 के बाद भी हेल्दी प्रेग्नेंसी कैसे हो सकती है?
  • समय-समय पर फर्टिलिटी टेस्ट करवाएं.
  • संतुलित आहार और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं.
  • तनाव कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें.
  • शराब और स्मोकिंग से दूरी बनाए.
  • जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से ट्रीटमेंट लें.

आज के समय में देर से शादी और करियर प्रायोरिटी के कारण 30 के बाद प्रेग्नेंसी का ट्रेंड बढ़ गया है. लेकिन इस उम्र में शरीर में होने वाले बदलावों और संभावित दिक्कतों को समझना जरूरी है. सही समय पर मेडिकल कंसल्टेशन, हेल्दी लाइफस्टाइल और फर्टिलिटी चेकअप्स की मदद से महिलाए30 के बाद भी स्वस्थ और सुरक्षित प्रेग्नेंसी पा सकती हैं.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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