October Grah Gochar: अक्टूबर में 5 ग्रहों का राशि परिवर्तन, किन राशियों को लाभ और किन्हें नुकसान! जानें उपाय


October Month Grah Gochar 2025: ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों की विशेष भूमिका होती है. ग्रहों की चाल और उनके गुण व्यक्ति के स्वभाव व भविष्य पर खासा असर डालते हैं. ग्रह एक निश्चित अंतराल पर अपनी चाल को बदलते रहते हैं.

यह एक विशेष अवधि में मौजूदा राशि को छोड़कर दूसरी राशि में जाते रहते हैं. जब-जब ग्रहों का राशि परिवर्तन होता है, तब तब इसका व्यापक असर सभी 12 राशियों के जातकों पर पड़ता है. हर महीने कई ग्रहों का राशि परिवर्तन होता है.

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि, अक्टूबर के महीने में 5 ग्रह अपनी राशि बदलेंगे, जिसमें बुध, गुरु, मंगल, शुक्र और सूर्य ग्रह होंगे. 

इस समय राशियां करेंगी गोचर

सूर्य 17 अक्टूबर को दोपहर 1:45 पर तुला राशि में प्रवेश करेगा. मंगल 27 अक्टूबर को दोपहर 3:41 पर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. बुध 3 अक्टूबर को तुला राशि में सुबह 3:43 पर और 24 अक्टूबर को वृश्चिक राशि में दोपहर 12:37 पर गोचर करेंगे.

गुरु 18 अक्टूबर को शाम 7:45 पर कर्क राशि में गोचर करेंगे. शुक्र 9 अक्टूबर को सुबह 10:45 पर कन्या राशि में गोचर करेंगे. शनि मीन राशि में वक्री अवस्था में बने रहेंगे, जबकि राहु कुंभ में और केतु सिंह में विराजमान रहेंगे.

इन ग्रह परिवर्तनों का असर हर किसी की जिंदगी पर अलग-अलग ढंग से दिखाई देगा. इसमें किसी को लाभ तो किसी को हानि होगी. 

ग्रहों की चाल से पड़ता है जीवन पर असर 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की चाल का असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. ज्योतिष के नजरिए से भी ये माह बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है. इस माह में 5 ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे.

वैदिक ज्योतिष के सिद्धांत के अनुसार मनुष्य के जीवन में जो भी घटनाएं घटित होती हैं. उनका कारण ग्रहीय दशा, गोचर और उनकी चाल होती है. सौरमंडल में बैठे ग्रह ही यह निर्धारित करते हैं कि आने वाला समय कैसा होगा और मनुष्य जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. 

3 अक्टूबर को बुध का तुला राशि में गोचर

कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि, बुध ग्रह को तटस्थ ग्रह माना गया है. इसके अलावा बुध ग्रह वाणी, संचार और व्यापार के कारक ग्रह माने गए हैं. बुध ग्रह के शुभ प्रभाव से शिक्षा, गणित, लेन-देन, निवेश और बिजनेस में फायदा मिलता है.

इसके प्रभाव से फायदेमंद योजनाएं बनती हैं, साथ ही शरीर में बुध का असर स्किन और आवाज पर पड़ता है. बुध के शुभ प्रभाव से इंसान चतुर बनता है. बुध के अशुभ प्रभाव से इन्हीं मामलों में नुकसान होता है. दिनांक 3 अक्टूबर को बुध ग्रह तुला राशि में प्रवेश करेंगे.

यह राशि परिवर्तन सुबह 3:43 मिनट पर होगा. इससे तुला राशि वालों को लाभ होगा. रुके हुए काम पूरे होंगे. बिजनेस में उठाया गया हर कदम सफल होगा.

9 अक्टूबर को शुक्र का कन्या राशि में गोचर

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सुख, समृद्धि और वैभव प्रदान करने वाला ग्रह माना गया है. शुक्र ग्रह का प्रभाव इनकम, खर्चा, शारीरिक सुख-सुविधाएं, शौक और भोग-विलास पर होता है.

इस ग्रह के कारण विवाह, पत्नी, अपोजिट जेंडर और यौन सुख संबंधी मामलों में शुभ-अशुभ बदलाव देखने को मिलते हैं. शरीर में शुक्र का प्रभाव प्राइवेट पार्ट्स पर पड़ता है. इसके अशुभ प्रभाव से खांसी और कमर के निचले हिस्सों में बीमारी होती है.

9 अक्टूबर को शुक्र ग्रह कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं. यह राशि परिवर्तन प्रातः 10:47 मिनट पर होगा. 

17 अक्टूबर को सूर्य का तुला राशि में प्रवेश

सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है. कुंडली में सूर्य ग्रह के मजबूत होने पर व्यक्ति का समाज में मान-सम्मान और यश में बढ़ोतरी होती है. सूर्य ग्रह का असर शरीर में पेट, आंखें, दिल, चेहरे और हड्डियों पर होता है.

सूर्य के अशुभ प्रभाव से सिरदर्द, बुखार और दिल की बीमारियां होती हैं. इसके शुभ प्रभाव से आत्मविश्वास बढ़ता है, सम्मान और प्रसिद्धि मिलती है. इस ग्रह के प्रभाव से जॉब और बिजनेस में तरक्की भी मिलती है. दिनांक 17 अक्टूबर को ग्रहों के राजा सूर्य तुला राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं.

यह राशि परिवर्तन दोपहर 1:45 मिनट पर होगा. तुला राशि सूर्य की नीच राशि में आती है. यह गोचर जातक के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. तुला राशि वाले इस अवधि में सतर्क रहें. उन पर गलत आरोप लग सकता हैं. अच्छाई के बदले अपयश मिल सकता है. स्वास्थ्य को लेकर भी यह समय अच्छा नहीं है.

18 अक्टूबर को गुरु करेंगे कर्क राशि में गोचर

कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि दीवाली से दो दिन पहले 18 अक्टूबर को गुरु ग्रह कर्क राशि में गोचर यानी प्रवेश करेंगे.  गुरु का ये गोचर सुबह 10:45 मिनट पर होगा. हालांकि, इस समय गुरु देव मिथुन राशि में संचार कर रहे हैं.

 18 अक्टूबर से लेकर 5 दिसंबर 2025 तक गुरु देव कर्क राशि में ही रहेंगे.

24 अक्टूबर को वृश्चिक में प्रवेश करेंगे बुध

कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि दिनांक 24 अक्टूबर को राजकुमार बुध ग्रह मंगल की राशि वृश्चिक में प्रवेश करेंगे. यह राशि परिवर्तन वृश्चिक राशि वालों पर विपरीत असर डालेगा, खासतौर पर आर्थिक रूप से.

इस दौरान बिजनेस के सिलसिले में बाहर जाना पड़ सकता है. व्यापार विस्तार के लिए भी यह समय अच्छा रहने वाला है. वृश्चिक राशि के अलावा यह गोचर मिथुन, कन्या, मकर राशि के लिए भी लाभदायक रहने वाला है.

27 अक्टूबर को मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर

ज्योतिष में मंगल ग्रह को उग्र माना गया है. मंगल ग्रह साहस और पराक्रम के कारक होते हैं. जिन जातकों की कुंडली में मंगल ग्रह का प्रभाव होता है वे बहुत ही आत्मविश्वास वाले व्यक्ति होते हैं. मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी होते हैं.

दिनांक 27 अक्टूबर को ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. इस राशि का परिवर्तन दोपहर 3:41 मिनट पर होगा. यह गोचर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. इस दौरान अपनी सेहत को लेकर परेशान रह सकते हैं, मन में तनाव रहेगा.

परिवार में अशांति बनी रहेगी. इस दौरान कोई बड़ा निर्णय लेने से बचें.

ग्रहों के गोचर का प्रभाव

भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि व्यापार में तेजी आएगी, प्राकृतिक घटनाएं होगी. भूकंप आने की संभावना है. तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं. बस और रेलवे यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है.

बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है. शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे. सामुद्रिक तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं. खदानों में दुर्घटना और भूकंपन से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, आय में इजाफा होगा.

राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा. 

क्या करें उपाय

भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें. प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं. लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं.

हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं. ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए. माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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