मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग अक्टूबर के पहले सप्ताह में बिहार की राजधानी पटना का दौरा कर सकता है. इस दौरे का उद्देश्य राज्य में चुनावी तैयारियों का जायजा लेना है. बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है और इस महत्वपूर्ण राज्य में विधानसभा चुनाव नवंबर में होने की संभावना है.
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने से पहले चुनाव प्राधिकरण द्वारा राज्यों का दौरा करना एक सामान्य प्रक्रिया है. बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अपने अंतिम चरण में है और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी.
चुनाव तैयारियों की समीक्षा करते समय आयोग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, शीर्ष पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों और राज्य के चुनाव अधिकारियों से मुलाकात करता है. दो दशक से अधिक के अंतराल के बाद हो रहे इस विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है.
उन्होंने दावा किया है कि इस प्रक्रिया से करोड़ों वास्तविक नागरिकों के मतदान अधिकार छिन जाएंगे. आयोग ने इस बात पर जोर दिया है कि वह किसी भी पात्र नागरिक को मतदाता सूची से बाहर नहीं होने देगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगा कि कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो. बिहार में SIR की फाइनल वोटर लिस्ट 30 सितंबर को प्रकाशित कर दी जाएगी.
चुनाव आयोग की योजना के मुताबिक, 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी, जिसके बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा. चुनाव आयोग इस बार दो से तीन चरणों में चुनाव करा सकता है. पिछले विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हुए थे. पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को, दूसरे चरण का 3 नवंबर और तीसरे चरण का 7 नवंबर को हुआ था.
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