टैरिफ के बाद अब ट्रंप प्रशासन ड्रग्स को लेकर भी एक्शन में है. दिल्ली स्थित यूएस एम्बेसी ने एक भारतीय कंपनी के अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों का वीजा रद्द कर दिया है. हालांकि, एम्बेसी ने इस कंपनी का नाम उजागर नहीं किया है लेकिन इसी साल जनवरी में अमेरिका ने भारत की दो केमिकल कंपनियों को फेंटेनाइल नाम के एक बेहद खतरनाक ड्रग्स के प्रीकर्सर को बनाने के आरोप में केस दर्ज किया था और इनमें से एक कंपनी के मालिक को भी न्यूयॉर्क में गिरफ्तार किया था.
भारत की कंपनी के अधिकारियों का वीजा रद्द
माना जा रहा है कि यूएस एम्बेसी ने जिन भारतीय बिजनेस एग्ज्यूकेटिव और कॉरपोरेट लीडर्स के वीजा रद्द किए हैं, वे इन्ही दो (02) कंपनियों से जुड़े हो सकते हैं. दूतावास के मुताबिक, इमीग्रेशन एंड नेशनेलिटी एक्ट के तहत इन बिजनेस लीडर्स के साथ ही उनके करीबी परिवारवालों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं. एम्बेसी के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि जिन आरोपियों के वीजा रद्द किए गए हैं, वे सभी भारतीय मूल के नागरिक हैं.
एम्बेसी के मुताबिक, फेंटेनाइल (और उसके प्रीकर्सर) की अमेरिका में स्मगलिंग बंद करना यूएस की पहली प्राथमिकता है. ड्रग्स के खिलाफ जंग लड़ने में अमेरिकी दूतावास ने भारत सरकार का भी आभार व्यक्त किया है.
अमेरिकी दूतावास की ओर से कहा गया, “संयुक्त राज्य अमेरिका में मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल व्यक्तियों, संगठनों और उनके परिजनों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.”
चीन सीक्रेट तरीके से अमेरिका में कर रहा स्मगलिंग
हाल ही में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि चीन सीक्रेट तरीके से तीसरे देशों के माध्यम से केमिकल की स्मगलिंग अमेरिका में कर रहा है. एफबीआई ने चीन पर आरोप लगाया कि चीन की ड्रग्स वाली साजिश बेहद खतरनाक है. साजिश के तहत ड्रग्स के जाल में फंसा कर अमेरिका और दूसरे देशों के युवाओं को तबाह करना है.
हेरोइन से 50 गुना घातक फेंटेनाइल ड्रग्स
चीन ने ड्रग्स का नेटवर्क पूरी धरती पर फैलाना शुरू कर दिया है. इसके लिए चीन ने हेरोइन से 50 गुना ज्यादा घातक ड्रग्स तैयार की है जिसे फेंटेनाइल या फिर ‘चायना-व्हाइट’ के नाम से जाना जाता है. FBI ने कहा, “चीन ने अपने देश में तो ड्रग्स पर कड़े नियम बनाए हैं, लेकिन दूसरे देशों के युवाओं को नशे की लत लगाने के लिए खास रणनीति तैयार की है. क्योंकि, चीन आज दुनिया में नारकोटिक्स ड्रग्स का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है.
एफबीआई रिपोर्ट में चीन के अवैध फेंटेनाइल साम्राज्य को उजागर किया गया है, जिसका उद्देश्य अन्य देशों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के युवाओं को तबाह करना है. एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पर तीसरे देशों के माध्यम से गुप्त रूप से केमिकल्स भेजने का आरोप लगाया ताकि किसी तरह की कार्रवाई से बचा जा सके और जानबूझकर अमेरिकी समाज को नुकसान पहुंचाया जा सके.
एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने मांगी थी भारत से मदद
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने चीन समर्थित इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए भारत-अमेरिका के बीच गहन सहयोग का आह्वान किया है. काश पटेल ने कहा है कि चीन ड्रग माफिया के इस नेटवर्क को खत्म करने में भारत की भूमिका बेहद अहम है. चीन में तैयार होने वाले फेंटेनाइल के लिए जरूरी रासायनिक कच्चा माल अब भारत जैसे देशों से होकर मैक्सिकन कार्टेल्स तक पहुंच रहे हैं. भारत इसका उपभोक्ता नहीं है, लेकिन अब इसे एक ट्रांजिट रूट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
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