
सांस फूलना: अगर बिना मेहनत किए या हल्का-सा काम करने पर भी आपकी सांस फूलने लगे, तो यह दिल के कमजोर होने का पहला संकेत हो सकता है.

पैरों और टखनों में सूजन: हार्ट सही तरीके से ब्लड पंप नहीं करता, जिससे शरीर में फ्लूइड जमा होने लगता है और पैरों-टखनों में सूजन आ जाती है.

सीने में लगातार दर्द: अगर आपको बार-बार चेस्ट पेन या भारीपन महसूस होता है, तो इसे गैस या एसिडिटी समझकर नज़रअंदाज न करें. यह हार्ट फेल्योर का मुख्य लक्षण हो सकता है.

लगातार थकान और कमजोरी: बिना किसी कारण के हमेशा थकान रहना या कमजोरी महसूस होना इस बात का संकेत है कि, आपका दिल शरीर तक पर्याप्त ऑक्सीजन और ब्लड सप्लाई नहीं कर पा रहा है.

अनियमित धड़कन: हार्ट की धड़कन का बहुत तेज होना, रुक-रुक कर चलना या अनियमित हो जाना हार्ट फेल्योर के खतरे का बड़ा संकेत है.

बार-बार खांसी: दिल कमजोर होने पर फेफड़ों में फ्लूइड जमा हो जाता है, जिससे बार-बार खांसी, बलगम की समस्या हो सकती है.

बार-बार पेशाब आना: हार्ट की दिक्कत में शरीर से अतिरिक्त फ्लूइड बाहर निकलने की कोशिश करता है. इसकी वजह से रात में बार-बार पेशाब आने लगता है, जो हार्ट फेल्योर का संकेत हो सकता है.
Published at : 18 Sep 2025 04:38 PM (IST)
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