MCX Share Price: मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के शेयरों में आज जोरदार तेजी आई। इसके शेयरों में बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांता पांडेय के बयान से तगड़ा सपोर्ट मिला। सेबी के चेयरमैन ने कहा कि कमोडिटी डेरेविटव्स मार्केट के विस्तार के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने ये बातें एमसीएक्स के एक इवेंट में कही। उन्होंने कहा कि देश के कमोडिटी मार्केट की मजबूती सेबी के डेवलपमेंट एजेंडे में टॉप प्रॉयोरिटी पर बनी हुई है। इसने एमसीएक्स के शेयरों को तगड़ा सपोर्ट किया और इंट्रा-डे में एनएसई पर 5.09% उछलकर ₹8,035.00 पर पहुंच गया। मुनाफावसूली के चलते भाव में थोड़े नरम पड़े हैं और आज यह 3.63% के उछाल के साथ ₹7,923.00 पर बंद हुआ है।
सेबी की यह पहल 12 अगस्त 2025 को जारी सालाना रिपोर्ट के मुताबिक ही है। इस रिपोर्ट में सेबी ने पहले ही मौजूदा एफपीआई फ्रेमवर्क के रिव्यू और कैश-सेटल्ड कॉन्ट्रैक्ट्स से आगे इसमें उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए एक रोडमैप का संकेत दिया था।
क्या कहना है SEBI के चेयरमैन का?
सेबी के चेयरमैन का कहना है कि सरकार बैंकों, बीमा कंपनियों और पेंशन फंडों को कमोडिटी ट्रेडिंग में हिस्सा लेने की मंजूरी देने के लिए सरकार के साथ बातचीत हो रही है। इससे कमोडिटी ट्रेडिंग में इंस्टीट्यूशनल हिस्सेदारी बढ़ेगी। अभी की बात करें तो उन्होंने बताया कि सेबी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) को नॉन-कैश सेटल्स, नॉन-एग्रीकल्चरल कमोडिटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स में ट्रेडिंग को मंजूरी देने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। अभी विदेशी निवेशक कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस फ्यूचर्स जैसे कैश-सेटल्ड कॉन्ट्रैक्ट्स तक ही सीमित हैं। इनमें विदेशी निवेशकों की ओवरऑल मार्केट वॉल्यूम में करीब 5% और एनर्जी सेगमेंट में करीब 8% हिस्सेदारी है।
अगर नॉन-कैश सेटल्ड इंस्ट्रूमेंट्स में एफपीआई को ट्रेडिंग की मंजूरी मिलती है तो इससे उन्हें गोल्ड-सिल्वर और बेस मेटल्स की ट्रेडिंग का एक्सेस मिलेगा। इससे लिक्विडिटी बढ़ेगी और एमसीएक्स जैसे घरेलू एक्सचेंजों पर वॉल्यूम बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि कमोडिटीज की फिजिकल डिलीवरी में शामिल मार्केट पार्टिसिपेंट्स के सामने आने वाली जीएसटी की दिक्कतों को सुलझाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम जारी रखा जाएगा।
सामूहिक प्रतिवेदन मंच पर कमोडिटी-स्पेशिफिक ब्रोकर्स को शामिल करने का ऐलान
सेबी के चेयरमैन तुहिन कांता पांडेय ने एमसीएक्स के इवेंट पर यह भी ऐलान किया कि दिसंबर 2025 तक सामूहिक प्रतिवेदन मंच पर कमोडिटी-स्पेशिफिक ब्रोकर्स को शामिल किया जाएगा। सामूहिक प्रतिवेदन मंच एक कॉमन कंप्लॉयंस रिपोर्टिंग मैकेनिज्म है। अब डिस्क्लोजर को आसान और स्टैंडर्डाइज करने के लिए इसमें कमोडिटी-स्पेशिफिक ब्रोकर्स को शामिल किया जाएगा।
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