Rupee Recovers: भारतीय रुपया मंगलवार को तीन हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गया, डॉलर के मुकाबले लगातार तीसरे दिन रिकवरी दर्ज की गई. 11 सितंबर को ₹84.49/$ के रिकॉर्ड निचले स्तर के बाद आज रुपया करीब 75 पैसे मजबूत होकर ₹83.74/$ पर कारोबार कर रहा है. इस मजबूती के पीछे कई कारण काम कर रहे हैं, जो निवेशकों और एक्सपोर्टर्स दोनों के लिए अहम हैं.
डॉलर इंडेक्स में गिरावट का मजबूत सपोर्ट
वर्तमान में डॉलर इंडेक्स 96 के नीचे चल रहा है, जो फरवरी 2022 के निचले स्तर के करीब है. इसका असर दुनिया की प्रमुख करेंसीज पर साफ नजर आ रहा है. यूरो 4 साल की ऊंचाई पर है. युआन 11 महीने की ऊंचाई पर है. पाउंड 3 महीने की ऊंचाई पर और येन 2 महीने की ऊंचाई पर कारोबार कर रहा है. यह संकेत देता है कि डॉलर के मुकाबले वैश्विक करेंसीज मजबूत हो रही हैं. इसके अलावा, भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं, जो आगे रुपए को मजबूती देने में सहायक साबित हो सकती हैं.
अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती का भरोसा
अमेरिकी अर्थव्यवस्था और मौद्रिक नीति को लेकर उम्मीदें हैं कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक अगले महीनों में ब्याज दरों में चौथाई प्रतिशत (0.25%) की कटौती कर सकता है. यह कदम डॉलर पर दबाव बनाएगा और रुपए की मजबूती को और बढ़ावा देगा.
शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की खरीदारी
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भारतीय शेयर बाजार भी दो महीने की ऊंचाई पर पहुंच चुका है. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली की रफ्तार कम हुई है. विदेशी निवेशक (DIIs) लगातार 16वें दिन दमदार खरीदारी कर रहे हैं. इन दोनों ट्रेंड ने रुपया को सपोर्ट दिया है और मार्केट में स्थिरता बनाए रखी है.
आगे कहां जाएगा रुपये का भाव?
प्रमुख ब्रोकरेज हाउसेज ने डॉलर के मुकाबले रुपया का अगले लेवल को लेकर आउटलुक दिए हैं. मोतीलाल ओसवाल का इसके ₹86-85/$ के रेंज में रहने का अनुमान है. वहीं, निर्मल बंग सिक्योरिटीज का इसके ₹83/$ पर आने का अनुमान है. YA Wealth Research ने इसके ₹87/$ पर रहने का अनुमान जताया है. इन अनुमानों से पता चलता है कि एक्सपर्ट्स फिलहाल ₹83-87/$ के रेंज में कमजोर रुपये की संभावना जता रहे हैं. हालांकि, डॉलर इंडेक्स के 92-89 तक नीचे जाने की भी संभावना जताई जा रही है, जो रुपया मजबूत करने की दिशा में कदम साबित हो सकती है.
किन बातों पर है नजर?
- इस समय निवेशक और मार्केट एनालिस्ट इन फैक्टर्स पर नजर रख रहे हैं.
- Fed की आगामी कमेंट्री – US Economy और Monetary Policy Outlook
- India-US Trade Deal Development
- Indian Equity Market का प्रदर्शन
- FIIs और DIIs की अगली चाल
- RBI के आगे के कदम (कमजोर रुपया एक्सपोर्टर्स के लिए पॉजिटिव)
- Dollar Index Movement
फिलहाल क्या है जरूरी बात?
वर्तमान में रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूती दिखा रहा है. डॉलर इंडेक्स की गिरावट, वैश्विक करेंसीज की मजबूती, India-US ट्रेड डील पर उम्मीदें और Fed की संभावित ब्याज दर कटौती प्रमुख वजहें हैं. निवेशक इस समय धैर्य बनाकर रखें और RBI और Fed की आगे की घोषणाओं पर ध्यान दें. एनालिस्ट्स सलाह दे रहे हैं कि ₹83-87/$ के बीच आने पर निवेश के नए अवसर बन सकते हैं.
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