Indira Ekadashi 2025: शास्त्रों में एकादशी व्रत को बहुत ही फलदायी माना जाता है. साल में पड़ने वाली सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. लेकिन आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी भगवान विष्णु के साथ ही पितरों की कृपा पाने के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसे इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है.
इंदिरा एकादशी पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) की अवधि में पड़ती है. इस साल बुधवार, 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी का व्रत-पूजन किया जाएगा. साथ ही इसी दिन पितृ पक्ष का ग्यारस श्राद्ध (Gyaras Shradh) भी रहेगा. इंदिरा एकादशी पर व्रत रखकर पूजा-पाठ करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे वहीं इस तिथि पर किए श्राद्ध से पितरों का भी आशीर्वाद मिलेगा.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि, इस साल 17 सितंबर 2025 को इंदिरा एकादशी पर कई शुभ योग का संयोग भी बन रहा है, जिससे इस तिथि का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा और पूजा-व्रत का दोगुना फल प्राप्त होगा. आइये जानते हैं इस दिन बनने वाले शुभ योग के बारे में.
- इंदिरा एकादशी तिथि- बुधवार, 17 सितंबर
- इंदिरा एकादशी पूजा टाइम– एकादशी तिथि पूरे दिन रहेगी. इसलिए आप सुबह-शाम किसी भी समय पूजा कर सकते हैं. लेकिन दोपहर 12:15 से 01:47 तक राहुकाल रहेगा. इस समय पूजा न करें.
- इंदिरा एकादशी पारण का समय- 18 सितंबर, सुबह 06:07 से 08:34 तक.
इंदिरा एकादशी 2025 पर बनेंगे शुभ योग (Indira Ekadashi 2025 Shubh Yog)
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, इंदिरा एकादशी पर परिघ योग और शिव योग का निर्माण होगा. इसी के साथ इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र और पुष्य नक्षत्र भी रहेगा. इन चार योगों में इंदिरा एकादशी के भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी. बता दें कि, आश्विन कृष्ण पक्ष की एकादशी पर भगवान विष्णु के ऋषिकेश स्वरूप की पूजा करने का विधान है.
इंदिरा एकादशी पर ग्यारस श्राद्ध भी
17 सितंबर को इंदिरा एकादशी के दिन पितृ पक्ष का ग्यारस श्राद्ध या एकादशी श्राद्ध भी रहेगा. इस दिन ऐसे पितरों के लिए श्राद्ध या पिंडदान किया जाता है, जिनकी मृत्यु किसी भी मास के एकादशी तिथि पर हुई हो. इस तिथि पर श्राद्ध या पिंडदान करने वालों पर श्रीहरि और पितृ दोनों की कृपा बरसती है.
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