Pitru Paksha 2025: क्या पितृ पक्ष में जानवरों का श्राद्ध किया जाता है?

परिजनों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए श्राद्ध विशेष महत्व रखते हैं, ताकि परिवार में खुशहाली बनी रहे. जब बात प्रियजनों की आती है तो न सिर्फ इंसान बल्कि पशु-पक्षियों भी उसमें शामिल होते हैं.

परिजनों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए श्राद्ध विशेष महत्व रखते हैं, ताकि परिवार में खुशहाली बनी रहे. जब बात प्रियजनों की आती है तो न सिर्फ इंसान बल्कि पशु-पक्षियों भी उसमें शामिल होते हैं.

जब कोई आपका चहेता पशु मृत्यु को प्राप्त हो जाता है तो कई लोग उसकी आत्मा की शांति के लिए दान करते हैं, पौधा लगाते हैं, वहीं कुछ लोग अपने प्रिय पशु-पक्षी की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध करने की इच्छा भी रखते हैं.

जब कोई आपका चहेता पशु मृत्यु को प्राप्त हो जाता है तो कई लोग उसकी आत्मा की शांति के लिए दान करते हैं, पौधा लगाते हैं, वहीं कुछ लोग अपने प्रिय पशु-पक्षी की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध करने की इच्छा भी रखते हैं.

गरुड़ पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में पशु-पक्षियों का श्राद्ध करने का कोई शास्त्रीय विधान नहीं है. श्राद्ध सिर्फ मानव पितरों का किया जाता है.

गरुड़ पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में पशु-पक्षियों का श्राद्ध करने का कोई शास्त्रीय विधान नहीं है. श्राद्ध सिर्फ मानव पितरों का किया जाता है.

एस्ट्रोलॉजर अनीष व्यास के अनुसार अगर कोई अपने प्रिय पशु से अत्यधिक जुड़ा रहा हो, तो वह भावनात्मक श्रद्धा से उनके लिए तर्पण या भोजन दान कर सकता है. इनके औपचारिक श्राद्ध का नियम नहीं है.

एस्ट्रोलॉजर अनीष व्यास के अनुसार अगर कोई अपने प्रिय पशु से अत्यधिक जुड़ा रहा हो, तो वह भावनात्मक श्रद्धा से उनके लिए तर्पण या भोजन दान कर सकता है. इनके औपचारिक श्राद्ध का नियम नहीं है.

वहीं कई बार जाने-अनजाने में पशु-पक्षियों की हमारे जरिए मृत्यु हो जाती है, जैसे आपके द्वारा एक्सीडेंट में गाय, कुत्ते या किसी अन्य पशु के प्राण चले जाते हैं तो ऐसे में उनके नाम से मंदिर में दान कर सकते हैं. साथ ही अनजाने में हुई इस गलती की विष्णु जी से माफी मांग लें. कहते हैं इससे दोष नहीं लगता.

वहीं कई बार जाने-अनजाने में पशु-पक्षियों की हमारे जरिए मृत्यु हो जाती है, जैसे आपके द्वारा एक्सीडेंट में गाय, कुत्ते या किसी अन्य पशु के प्राण चले जाते हैं तो ऐसे में उनके नाम से मंदिर में दान कर सकते हैं. साथ ही अनजाने में हुई इस गलती की विष्णु जी से माफी मांग लें. कहते हैं इससे दोष नहीं लगता.

पितृ पक्ष में पितरों की शांति के लिए कौए, गाय, कुत्ते, चींटी को भोजन कराने का प्रावधान है, इनको भोजन खिलाया जाता है, इससे पितर प्रसन्न होते है.

पितृ पक्ष में पितरों की शांति के लिए कौए, गाय, कुत्ते, चींटी को भोजन कराने का प्रावधान है, इनको भोजन खिलाया जाता है, इससे पितर प्रसन्न होते है.

Published at : 16 Sep 2025 06:30 AM (IST)

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