भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में उतार चढ़ाव के बाद से व्यापार वार्ता ठंडे बस्ते में जाते हुए नजर आ रही थी. लेकिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की गई और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से दी गई सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद अब रिश्ते फिर से सुधरते हुए नजर आ रहे हैं. दोनों ही नेताओं के बीच सोशल मीडिया के जरिए दी गई प्रतिक्रिया के बाद अब व्यापार वार्ता को भी गति मिलते हुए नजर आ रही है. सूत्रों के अनुसार, सोमवार (15 सितंबर, 2025) को अमेरिका से ट्रेड डील निगोशिएटर की टीम भारत पहुंचेगी और कल मंगलवार (16 सितंबर, 2025) को दोनों ही देशों के बीच व्यापार वार्ता होगी.
सूत्रों की मानें, तो अमेरिका के साथ भारत की व्यापार वार्ता अब सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रही है. कई स्तरों पर दोनों ही देशों के बीच राजनयिक और मुख्य वार्ता चल रही है. विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, अमेरिका से व्यापार वार्ता पर चर्चा के लिए एक टीम आज सोमवार (15 सितंबर) की देर रात भारत आ रही है और फिर दोनों ही देशों कों बीच कल मंगलवार को व्यापार वार्ता होगी.
अमेरिकी टीम के साथ लंबित मुद्दों पर चर्चा करेगा भारत
इस वार्ता के दौरान अमेरिकी टीम के साथ सभी लंबित मुद्दों पर भारत की चर्चा होगी. इस दौरान कुछ मुद्दे राजनयिक दायरे में होने की वजह से विदेश मंत्रालय भी इसमें शामिल है. भारत अभी अमेरिका के साथ-साथ यूरोपीय संघ के साथ भी गहन चर्चा कर रहा है. इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) में आर्थिक सहयोग और उत्पादों का कई स्तरों पर विश्लेषण किया जाएगा.
निर्यात और MSME को बढ़ावा देने पर भी होगी चर्चा
इसके अलावा, अमेरिका से बातचीत के बीच भारत सरकार छोटे और मध्यम उद्योगों को गति देने के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के तहत तमाम प्रयास कर रही है. 2025-26 के केंद्रीय बजट में इसकी घोषणा की गई थी. इसके अंतर्गत अगले छह सालों में निर्यात को बढ़ावा देना और छोटे-छोटे उद्यमियों को सहायता देने का लक्ष्य रखा गया है.
एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन को लेकर मंत्रालय कर रही तैयारी
वहीं, विभिन्न देशों की प्रतिस्पर्धात्मकता के बीच निर्यात में बदलाव हो रहा है. छोटे उद्योग और व्यापारियों को मदद करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसको लेकर सरकार एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन पर काम कर रही है. जल्दी ही इसे कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा. इस पर विभिन्न मंत्रालयों के बीच परामर्श हो चुका है. निर्यातकों की चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार इस योजना पर काम कर रही है.
सूत्रों के अनुसार, एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन में पहले से आवंटित 2,250 करोड़ रुपये की जगह और बड़ी राशि आवंटित करने पर विचार हो सकता है. वहीं, इस मिशन को 5 साल के चक्र में चलाने पर भी विचार होगा. इसको लेकर मंत्रालय के ओर से तैयारी की जा रही है.
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