एशिया कप 2025 में भारत बनाम पाकिस्तान के बीच रविवार (14 सितंबर, 2025) को खेले जा रहे मैच को लेकर ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि पहलगाम में जो हुआ, उसका दुख सभी को है, लेकिन देश की विदेश नीति को आप अपने ऊपर लागू नहीं कर सकते हैं. मौलाना रशीदी ने कहा, ‘हम यह सोचें कि जो हम कर रहे हैं, वही देश को भी करना चाहिए, ऐसा नहीं होता है’.
राजनीति और कूटनीति हमारी समझ से बाहर
उन्होंने कहा, ‘जब हमारी पाकिस्तान के साथ जंग हुई, क्या उसमें हमारे लोग नहीं मरे. ये राजनीति और कूटनीति है, जो हमारे और आपके समझने की बात नहीं है. किसी भी देश की विदेश नीति अलग होती है और हमारा खुद का भाव अलग होता है.’
एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट मैच को लेकर देश में राजनीतिक और खेल जगत में बहस तेज हो गई है. विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रहा है कि 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरण में 26 लोगों की मौत और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भी क्रिकेट संबंध क्यों जारी हैं.
अंतरराष्ट्रीय खेल निकायों के नियमों का पालन
सरकार का कहना है कि मल्टीलेटरल टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेना आवश्यक है, खासकर 2028 के Olympics में क्रिकेट के शामिल होने और 2036 के Olympics के लिए भारत की दावेदारी के कारण. बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया और अनुराग ठाकुर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खेल निकायों के नियमों का पालन करना जरूरी है, और मैच का बहिष्कार खिलाड़ियों के लिए हानिकारक हो सकता है.
सुप्रिया सुले ने किया सरकार के फैसले का विरोध
विपक्ष इस मैच को लेकर लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने भी रविवार को कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत का पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलना दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के 26 पीड़ितों के परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने भारतीय टीम को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने की अनुमति दे दी, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होगी. उसने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते. अगर कोई गलत करता है, तो हमें उसके खिलाफ सड़कों पर उतरना चाहिए.
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