Hike App: करीब 13 साल पहले लॉन्च हुआ Hike भारत का ऐसा मैसेजिंग ऐप था जिसे WhatsApp का सबसे बड़ा चैलेंजर माना गया था. इसे कविन मित्तल ने शुरू किया था और शुरुआती दिनों में यह युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय भी हुआ. लेकिन समय के साथ यह ऐप WhatsApp से मुकाबला नहीं कर पाया. बाद में कंपनी ने अपनी दिशा बदलते हुए गेमिंग बिज़नेस पर ध्यान केंद्रित किया और Rush नाम से नया प्लेटफॉर्म लॉन्च किया.
मैसेजिंग से गेमिंग तक का सफर
Hike ने मैसेजिंग से हटकर रियल मनी गेमिंग (RMG) की ओर रुख किया. इस बदलाव के बाद कंपनी को तेजी से सफलता भी मिली और मात्र चार सालों में इसने लाखों यूज़र्स को जोड़ लिया. लेकिन भारत सरकार द्वारा रियल मनी गेमिंग पर बैन लगा दिए जाने के बाद Hike का बिज़नेस मॉडल बुरी तरह प्रभावित हुआ.
भारत का फैसला और Hike का संकट
कविन मित्तल ने निवेशकों को भेजे ईमेल में साफ कहा कि भारत में रियल मनी गेमिंग पर रोक ने Hike के भविष्य को झटका दे दिया. कंपनी के पास जितना फंड था, उसके आधार पर वह लगभग सात महीने तक ऑपरेट कर सकती थी लेकिन नए नियमों और टैक्स पॉलिसी के चलते यह अवधि घटकर सिर्फ चार महीने रह गई.
अमेरिका का कारोबार भी बंद
Hike ने अमेरिका में भी नया बिज़नेस शुरू किया था और वहां अच्छे नतीजे मिल रहे थे. इसके बावजूद भारत में लगे बैन ने पूरी कंपनी की वित्तीय स्थिति बिगाड़ दी. ऐसे हालात में अमेरिका का कारोबार जारी रखना भी संभव नहीं रहा और Hike ने पूरी तरह से अपने ऑपरेशंस बंद करने का फैसला कर लिया.
पैसे का बंटवारा और निवेशकों को संदेश
इस समय Hike के पास लगभग 4 मिलियन डॉलर बचे हैं. कंपनी ने तय किया है कि सबसे पहले यह पैसा अपने वेंडर्स और कर्मचारियों की सेवरेंस पेमेंट में खर्च किया जाएगा. अगर इसके बाद कुछ बचता है तो उसे निवेशकों को लौटा दिया जाएगा.
कविन मित्तल का बयान
मित्तल का कहना है कि Hike उस खेल में फंस गया था जिसे वह खेलना ही नहीं चाहता था. रियल मनी गेमिंग उनके लिए सिर्फ एक रास्ता था, मंज़िल नहीं. उनका मानना है कि भारत में टैक्स और रेग्युलेशन की लड़ाई ने कंपनी की दिशा बदल दी और आखिरकार इसे बंद करने का समय आ गया.
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