नेपाल में कई मतभेदों के बाद आखिरकार अंतिरम प्रधानमंत्री का चयन हो गया है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। जेनजी ने अपने नेतृत्व के लिए उम्र से समझौता कर अनुभव को चुना है। जी हां, सुशीला कार्की की उम्र करीब 73 साल है। अभी तक प्रदर्शन में जेनजी ग्रुप की मांग थी कि उन्हें युवा नेता चाहिए यानी जेनजी पीढ़ी का जेनजी नेता. लेकिन देश के बेहतर भविष्य और जेनजी को गाइडेंस के लिए एक बेहतर अनुभव की आवश्यकता थी, जो कार्की में भरपूर मात्रा में है।
अब नेपाल के युवा कार्की से अपनी उम्मीदें पर खरा उतरने के लिए आशा रखे हैं। हालांकि शुरुआती क्षणों में साफ दिख रहा है कि अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की युवाओं को साथ लेकर चलने की कोशिश कर रही हैं। शपथ ग्रहण के समय ही उन्होंने युवाओं की प्रमुख मांग संसद को भंग करने पर सहमति व्यक्त की। इसके अलावा उनके शपथ ग्रहण समारोह में कई युवा चेहरे शामिल रहे। आइए विस्तार से जानते हैं कि नेपाल के युवा अपनी अनुभवी प्रधानमंत्री से क्या क्या उम्मीदें लगाए हैं।
‘नए युग की शुरुआत करेंगी’
काठमांडू निवासी सुमन सिवाकोटी ने कहा कि उन्हें मुझे उम्मीद है, सुशीला कार्की नेपाल में नए युग की शुरुआत करेंगी। कहा कि देश को और संरक्षित करने की जरूरत है और उनके (कार्की) नेतृत्व में विकास को भी बढ़ावा मिलना चाहिए। सुमन ने बीते हिंसक आंदोलन में नेपाल को काफी कुछ खोते देखा, युवाओं को जान गंवाते देखा है।
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सुशासन पर हो ध्यान
काठमांडू निवासी राम कुमार सिमखड़ा ने कहा कि अंतरिम सरकार को सुशासन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। नई सरकार को देश में इन सभी गलत कामों को खत्म करने, देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने, अपने-अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ कैबिनेट सदस्यों वाली सरकार बनाने पर काम करना चाहिए चाहे वे वकील हों, न्यायाधीश हों, शिक्षक हों, डॉक्टर हों और उन्हें मुख्य रूप से शासन में सुधार और भ्रष्टाचार को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सभी कार्यों में मुख्य रूप से सुशासन पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए, जिसकी हमें आवश्यकता है।
भ्रष्टाचार मुक्त सिस्टम की मांग
स्थानीय निवासी लीला लुइटेल का मानना है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश को भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए संविधान में संशोधन की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी उनसे (सुशीला कार्की) मुख्य अपेक्षा यह है कि वे संविधान में संशोधन करके राज्य के प्रमुख को कार्यपालिका बनाएं, भ्रष्टाचार को खत्म करें, जो भी अतीत में भ्रष्टाचार में लिप्त रहा हो चाहे वह नेता हो या कार्यकर्ता, उसे दंडित किया जाना चाहिए।
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