
बड़े बुजुर्गों अक्सर कहते हैं जितना खाना है थाली में उतना ही लें, लेकिन कुछ लोग एकसाथ भोजन ले लेते हैं और र उसे जूठा छोड़े देते हैं. थाली में जूठन छोड़ने पर मां अन्नपूर्णा का अपमान माना जाता है.

ऐसा करने वालों को जीवन में धन, अन्न, सुख, समृद्धि की कमी बनी रहती है लेकिन कई बार वो इस गलती को पहचान नहीं पाते कि आखिर मेहनत करने और सब कुछ सही होने के बाद भी ऐसा क्यों हो रहा है.

इतना ही नहीं अन्न का अनादर करने वालों के घर मां लक्ष्मी कभी वास नहीं करती हैं, फिर चाहे आप कितनी पूजा-पाठ क्यों न कर लें. साथ ही पितरों का आशीर्वाद नहीं मिलता. शनि देव के प्रकोप झेलने पड़ते हैं.

जूठन छोड़ने को लेकर मान्यता है कि ये कुंडली में चंद्रमा को कमजोर करता है व्यक्ति आए दिन मानसिक तनाव से घिरा रहता है, ऐसे लोगों की आयु पर बुरा असर पड़ता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भोजन से जुड़ी गलतियां न सिर्फ व्यक्ति की लापरवाही होती है बल्कि ये कुंडली में बुध और गुरु के कमजोर होने पर भी होता है. भोजन का सम्मान नहीं करता है और जीवन में बुरे परिणाम भुगतने पड़ते हैं.

थाली में बचा हुआ भोजन गाय को देने से बचना चाहिए, खासकर यदि वह जूठा हो या उसमें लहसुन, प्याज जैसे तामसिक पदार्थ हों, क्योंकि यह धार्मिक रूप से अनुचित माना जाता है.
Published at : 13 Sep 2025 11:07 AM (IST)
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