SEBI Board Meet : इक्विटी का दर्जा मिलने से REITs को मिला बड़ा बूस्ट, MF निवेश में होगी बढ़त – sebi board meet reits got big support by getting equity status mf allocation will increase

SEBI Board Meet : SEBI (Securities and Exchange Board of India) के बोर्ड ने रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REITs)को इक्विटी का दर्जा देने की मंजूरी दे दी है,जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट (InvITs) के लिए हाइब्रिड स्थिति बरकरार रखी है। सेबी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, “बोर्ड ने सेबी (म्यूचुअल फंड) रेग्यूलेशन, 1996 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस संसोधन के तहत अन्य बातों के अलावा REITs को “इक्विटी” के रूप में रि-क्लासिफाई किया जाएगा और म्यूचुअल फंड्स और विशेष निवेश फंड्स के निवेश के उद्देश्य से इनविट के लिए “हाइब्रिड” के दर्जे को बरकरार रखा जाएगा।”

 InvITs  का पुराना दर्जा बरकरार

इस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि रि-क्लासिफिकेशन का प्रस्ताव,अन्य बातों के साथ-साथ,REITs की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यानी REITs की इक्विटी से साथ ज्यादा समरूपता और अपेक्षाकृत अधिक तरलता जैसी विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए ग्लोबल प्रथाओं के साथ तालमेल बैठाने के लिए ये फैसला लिया गया है। दूसरी ओर InvITs मुख्य रूप से प्राइवेट प्लेसमेंट प्रोडक्ट हैं,जिसमें नकदी का प्रवाह ज्यादा स्टेबल होता है। लेकिन लिक्विडिटी कम होती है। ऐसे में इसे हाइब्रिड कटेगरी में ही बनाए रखने का प्रस्ताव रखा गया है।

REITs में म्यूचुअल फंड योजनाओं द्वारा होने वाले निवेश में बढ़त की उम्मीद

इससे भी बड़ी बात यह है कि REITs के रि-क्लासीफिकेशन के मुताबिक, म्यूचुअल फंड द्वारा किए गए निवेश को इक्विटी हिस्से के लिए तय निवेश आवंटन सीमा के भीतर माना जाएगा और उन्हें इक्विटी इंडेक्सों में शामिल करने की मंजूरी होगी। इससे REITs में म्यूचुअल फंड योजनाओं द्वारा होने वाले निवेश में बढ़त हो सकेगी।

स्ट्रेटेजिक इनवेस्टर की परिभाषा में भी बदलाव

इसके अलावा सेबी ने REIT और InvIT के नियमों के तहत स्ट्रेटेजिक इनवेस्टर की परिभाषा में बदलाव कर इन्हें क्यूआईबी के तहत लाने को भी मंजूरी दे दी है। रेगुलेटर ने स्टॉक एक्सचेंजों के गवर्नेंस फ्रेमवर्क में बदलाव करने का भी फैसला लिया। इसके लिए दो एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर्स की नियुक्ति को अनिवार्य बनाया जाएगा।

इससे पहले, REITs और InvITs को हाइब्रिड फंड के रूप में वर्गीकृत किया गया था क्योंकि वे इक्विटी और डेट निवेश दोनों की विशेषताएं रखते हैं और अर्निंग ग्रोथ और कैपिटल ग्रोथ का एक अनूठा मेल प्रदान करते हैं।

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