नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) कहते हैं कि देश में खाद की कोई कमी नहीं है। मध्य प्रदेश में भूखे-प्यासे किसानों पर सूबे की पुलिस के तरफ से भांजी जा रही लाठियां ख़ुद ही कहानी बयां कर रही है। देश के कई राज्यों में किसान कई-कई दिनों से आते हैं और खाली हाथ निराश होकर लौट रहे हैं।
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मध्य प्रदेश के भिंड का ये वीडियो देखिए 👇
किसान खाद के लिए घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें ‘खाद’ के बदले पुलिस की ताबड़तोड़ ‘लाठियां’ मिलीं।
एक तरफ नरेंद्र मोदी कहते हैं कि खाद की कोई कमी नहीं है, वहीं ये नजारा उनके खोखले दावों की पोल खोल रहा है। pic.twitter.com/1jHF9wtUYo
— Congress (@INCIndia) September 10, 2025
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कांग्रेस पार्टी अपने अधिकारिक एक्स पर मध्य प्रदेश के भिंड का ये वीडियो शेयर कर लिखा कि किसान खाद के लिए घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें ‘खाद’ के बदले पुलिस की ताबड़तोड़ ‘लाठियां’ मिलीं। कांग्रेस पार्टी ने लिखा कि एक तरफ नरेंद्र मोदी कहते हैं कि खाद की कोई कमी नहीं है, वहीं ये नजारा उनके खोखले दावों की पोल खोल रहा है।
यूरिया उत्पादन में देश लगभग 87 प्रतिशत आत्मनिर्भर हो गया है भारत
लाल किले की प्राचीर से 15 अगस्त को देश को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत में प्रत्येक साल लगभग 601 लाख टन से ज्यादा उर्वरक की खपत होती है, जबकि घरेलू उत्पादन करीब 500 लाख टन है। जाहिर है, लगभग सौ लाख टन से ज्यादा आयात करना पड़ता है। हालांकि यूरिया उत्पादन में देश लगभग 87 प्रतिशत आत्मनिर्भर हो गया है और एनपीके का 90 प्रतिशत उत्पादन घरेलू है, लेकिन डीएपी में यह हिस्सा केवल 40 प्रतिशत है।
पोटाश (एमओपी) का पूरा उत्पादन विदेशों से आता है। फॉस्फेटिक उर्वरकों के कच्चे माल का 90 प्रतिशत और पोटाश का लगभग सौ प्रतिशत आयात मोरक्को, रूस, जार्डन और कनाडा जैसे देशों से होता है। हालांकि पिछले 11 वर्षों में बंद पड़े कई संयंत्रों को चालू किया गया है। सिंदरी, बरौनी, गोरखपुर और रामागुंडम में उत्पादन शुरू हो चुका है।
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