उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में करीब 2 महीने से बढ़ते गंगा के जलस्तर की वजह से आम जनजीवन बेहाल है. सितंबर महीने में एक बार फिर वाराणसी में गंगा ने चेतावनी बिंदु को पार कर लिया है. वाराणसी में गंगा का जलस्तर 9 सितंबर को रात्रि 8:00 बजे 70.77 मीटर रिकॉर्ड किया गया. निचले इलाकों में कई फीट तक पानी भरा है.
वाराणसी में बाढ़ से अभी भी हालात बेहद खराब है. यहां के सारे घाट जलमग्न है. घाटों का आपसी संपर्क टूटा हुआ है, इसके अलावा नौका संचालन भी करीब 2 महीने से बंद है. एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी में इस सीजन में गंगा के जलस्तर में पांचवीं बार वृद्धि देखी गई है.
खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा
मौजूदा समय में गंगा ने चेतावनी बिंदु को एक बार फिर पार कर लिया है, जिसके बाद गंगा तटवर्ती क्षेत्र में बाढ़ जैसी हालत देखने को मिल रहे हैं. वर्तमान समय में गंगा का जलस्तर 70.7 मीटर रिकॉर्ड किया गया है. हालांकि राहत की बात यह है कि बढ़ते गंगा के जलस्तर में एक बार फिर स्थिरता देखी जा रही है.
करीब 2 महीने से गंगा तटवर्ती क्षेत्र बाढ़ जैसे हालात से जूझ रहा है जिसकी वजह से आम जन जीवन प्रभावित है. लोगों घरों में रहने को मजबूर हैं तो वहीं कई जगहों पर रोजमर्रा के सामान को लेकर भी लोगों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है.
इस साल 5 बार बढ़ा गंगा का जलस्तर
काशी के जानकार लोगों की माने तो इस बार गंगा के जलस्तर में समय से पहले ही बढ़ोतरी देखी गई और सबसे हैरानी की बात यह है कि इस वर्ष करीब पांच बार गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई है. जब जलस्तर सामान्य हो जाता है तो लोग राहत की सांस लेते हैं लेकिन उसके कुछ ही दिनों बाद गंगा के जलस्तर में फिर वृद्धि से उनकी दैनिक दिनचर्या रोजी-रोटी प्रभावित होने लगती है.
फिलहाल सितंबर का महीना पर्यटन दृष्टिकोण से वाराणसी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. नौका संचालन से लेकर गंगा घाट पर आने वाले पर्यटकों को के लिए यह समय बहुत पसंदीदा होता है. ऐसे में देखना होगा कि सितंबर माह में वाराणसी के गंगा के जलस्तर में क्या परिवर्तन देखने को मिलता है.
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