Nepal crisis : नेपाल के भंवर से इन भारतीय कंपनियों के लिए भी मुश्किल हुई डगर – nepal crisis what is the impact of burning nepal on indian companies which indian companies have exposure in nepal

Nepal unrest : नेपाल इस वक्त लहुलुहान है। वहां तख्तापटल हो चुका है। सेना के हाथ कमान है। भारी बवाल के बीच काठमांडू एयरपोर्ट बंद कर दिया गया है। भारत की सभी फ्लाइट्स कैंसिल हो गई हैं। इस बीच PM मोदी ने भी नेपाल के लोगों से शांति की अपील की है। उन्होंने कहा है कि नेपाल की स्थिरता और शांति भारत के लिए जरूरी है। जलते नेपाल ने भारतीय कंपनियों के सामने कुछ सवाल भी खड़े कर दिए है। किन कंपनियों का वहां एक्सपोजर है और अशांत नेपाल का कैसा असर पड़ सकता है, आइए इसका एनालिसिस करते हैं।

जलता नेपाल: बिजनेस पर सवाल

भारत और नेपाल के बीच होने वाले ट्रेड पर नजर डालें तो भारत नेपाल को 7.33 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट करता है। वहीं, नेपाल से भारत में 0.87 अरब डॉलर का इंपोर्ट होता है। नेपाल के कुल ट्रेड का 60-65 फीसदी भारत से होता है। ऐसे में बिना भारत नेपाल बेहाल हो सकता है।

नेपाल का भंवर: कितना असर!

नेपाल के संकट से वहां कारोबार करने वाली कई कंपनियों को भारी नुकसान हो सकता है। डाबर नेपाल में बेहद लोकप्रिय है। नेपाल में इसका बड़ा एक्सपोर्ट होता है। नेपाल में इसके फ़ूड प्रोडक्ट्स और आयुर्वेदिक दवाओं के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। इसके अलावा आईटीसी का भी नेपाल में बड़ा एक्सपोजर है। नेपाल में इसकी सूर्य नेपाल के नाम से सब्सिडरी कंपनी है। वित्त वर्ष 2025 में आईटीसी की कमाई में नेपाल का 3300 करोड़ रुपए का योगदान रहा। वहीं, इस अवधि में कंपनी के मुनाफे में नेपाल का योगदान 726 करोड़ रुपए रहा।

BRITANNIA का भी नेपाल में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है। VARUN BEVERAGES की नेपाल में PepsiCo बॉटलिंग यूनिट है। कंपनी कंसोलिडेटेड आय में नेपाल का करीब 3 फीसदी का योगदान है। इसी तरह HUL के मुनाफे का भी करीब 1 फीसदी हिस्सा नेपाल से आता है।

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