Nepal Gen-Z Protest Update: नेपाल में 8 सितंबर को पूरे दिन हुए हिंसक प्रदर्शन के बीच देर शाम गृहमंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया है। गृहमंत्री ने पूरे प्रदर्शन में नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि गत 2 सितंबर को नेपाल की केंद्र सरकार ने फेसबुक, व्हाट्सअप, एक्स, इंस्टाग्राम समेत कई सोशल मीडिया पर बैन लगाया था। इसके विरोध में नेपाल में युवाओं ने 8 सितंबर को विरोध प्रदर्शन किया। धीरे-धीरे यह प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रधानी काठमांडू में सड़कें जाम कर दीं। वहीं प्रदर्शनकारी उग्र होते हुए संसद तक पहुंच गए। इस प्रदर्शन को Gen-Z Protest नाम दिया गया।
कैबिनेट की बैठक के बाद लिया फैसला
हिंसक प्रदर्शन पर पीएम ओली ने शाम को बलुवाटर स्थित प्रधानमंत्री आवास कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई थी। इसमें गृहमंत्री रमेश लेखक भी पहुंचे थे। कुछ घंटे चली बैठक के बाद गृहमंत्री रमेश लेखक ने अपने इस्तीफे की घोषणा की। हालांकि प्रदर्शन में लोग पीएम ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
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क्यों हुआ हिंसक प्रदर्शन?
नेपाल सरकार ने फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम, एक्स जैसी कंपनियों को नेपाल में रजिस्टर कराने के लिए कहा था, लेकिन कंपनियों ने ऐसा नहीं किया। इसको लेकर नेपाल सरकार ने कंपनियों को कई बार नोटिस भी दिया। अंतिम बार 7 दिनों का नोटिस देकर नेपाल सरकार ने 2 सितंबर को इन ऐप्स को नेपाल में बैन करने का आदेश जारी कर दिया। सरकार के इस फैसले से नेपाल के लोगों में काफी असंतोष था। लोगों ने 8 सितंबर को नेपाल की राजधानी काठमांडू में प्रदर्शन की चेतावनी दी थी।
हिंसा की होगी जांच
प्रदर्शन धीरे-धीरे कब हिंसक हो गया, सुरक्षा एजेंसियां इसका अंदाजा ही नहीं लगा पाईं। सुबह काठमांडू में शुरू हुआ प्रदर्शन शांत था। लोग सड़कों पर उतर सोशल मीडिया ऐप्स बैन करने पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। अचानक से प्रदर्शन उग्र होने लगा। लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प भी शुरू हो गई। लोग इतने हिंसक हो गए कि संसद भवन में भी प्रवेश कर गए। हिंसक प्रदर्शन होने से सरकार ने सेना तक सड़कों पर उतार दी। हिंसा में 19 लोगों की मौतों की पुष्टि हुई। पीएम ओली ने आशंका जताई है कि प्रदर्शन में आम लोगों के साथ घुसपैठिए आए थे, जिन्होंने हंगामा किया। पीएम ने कहा कि हिंसा की जांच के लिए कमेटी बनाई जाएगी।
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