GST reforms: ऑटो सेक्टर पर बुलिश Emkay Global, निफ्टी के लिए दिया 28000 का टारगेट – emkay global gst reforms positive impact on auto sector nify outlook target 28000 analysis h2fy26 recovery

GST reforms: GST सुधार के बाद बाजार की प्रतिक्रिया उम्मीद से काफी कमजोर रही। ब्रोकरेज फर्म Emkay Global के मुताबिक, बाजार पहले ही GST सुधार की खबरों के आधार पर ही बाजार बढ़ चुका था और इस फैक्टर की कीमतें स्टॉक्स में शामिल हो चुकी थीं। यही वजह है कि इसके आधिकारिक ऐलान के बाद बाजार ने कोई खास जोश नहीं दिखाया।

निफ्टी के लिए 28,000 का टारगेट

ब्रोकिंग फर्म का मानना है कि भले ही आर्थिक विकास की रिकवरी अभी स्पष्ट नहीं है, कुछ सकारात्मक संकेत दिखाई दे रहे हैं। Emkay Global ने निफ्टी के लिए सितंबर 2026 तक 28,000 के टारगेट को बनाए रखा। ब्रोकरेज का मानना है कि ऑटो सेक्टर GST सुधार का सबसे बड़ा लाभ उठाने वाला सेक्टर है।

Emkay रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बाजार की प्रतिक्रिया कमजोर रही, लेकिन इसका अधिकांश हिस्सा पहले ही 15 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री द्वारा GST की घोषणा के बाद निफ्टी में 2 प्रतिशत की तेजी में शामिल हो चुका था। हमारा बाजार को लेकर नजरिया पॉजिटिव है। हम सितंबर 2026 के लिए निफ्टी का 28,000 टारगेट बनाए रखते हैं।’

Nifty से क्यों हैं ज्यादा उम्मीदें

फिलहाल निफ्टी 24,741 पर है। Emkay Global का मानना है कि GST सुधार के प्रभाव से FY26 की दूसरी छमाही में बाजार में बेहतर प्रदर्शन देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि कई उपायों जैसे वेलफेयर खर्च में वृद्धि और GST कट का असर इस दौरान दिख सकता है।

GST सुधार: ऑटो सेक्टर पर असर

GST सुधार के बाद इंटरनल कंबशन इंजन (ICE) कारों और टू-व्हीलर्स को दो स्लैब में रखा गया है, 18% और 40%। वहीं, थ्री-व्हीलर्स और कमर्शियल व्हीकल्स (CVs) अब 18 प्रतिशत स्लैब में हैं। इससे पहले ICE कारों पर कुल कर 29% से 50% तक था, ICE टू-व्हीलर्स पर 28% से 31% और ICE थ्री-व्हीलर्स तथा CVs पर फ्लैट 28% था। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) पर GST में कोई बदलाव नहीं हुआ।

Emkay का मानना है कि ऑटो सेक्टर को सबसे ज्यादा लाभ होगा। वहीं, EVs में कुछ पॉजिटिव है। साथ ही, प्रक्रियागत सुधार जैसे तेज रिफंड और आसान रजिस्ट्रेशन SMEs के लिए मददगार होंगे।

बॉन्ड और करेंसी पर जोखिम

बॉन्ड और करेंसी मार्केट पर Emkay का नजरिया मध्यम अवधि के लिए कमजोर है। इसके प्रमुख कारण हैं, राजस्व में संभावित कमी, कमजोर नॉमिनल GDP और GST हिट का अधिक होना। FY26 में रुपया 3.3% गिर चुका है, जिसमें टैरिफ संबंधी चिंता और लगातार FPI बिक्री मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।

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