लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में रविवार को लोक भवन (Lok Bhawan) में अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने व्यावसायिक शिक्षा से विभिन्न व्यवसायों के चयनित 1510 अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इनका चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttar Pradesh Subordinate Services Selection Commission) द्वारा कराई गई भर्ती में हुआ है। हाल में इसका परिणाम घोषित किया गया है। अब सीएम ने उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा है।
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अनुदेशकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि मिशन रोजगार के संकल्प को पूरा करने के लिए आठ वर्षों में 8.5 लाख सरकारी नौकरियां दी गईं। सरकार की प्राथमिकता है कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो। उसका किसी भी स्तर पर शोषण न हो। योग्यता और क्षमता के आधार पर युवाओं को सरकारी नौकरी मिले। इसी सख्ती का परिणाम है कि आज भर्तियों में पारर्दशिता के साथ चयन हो रहा है।
सीएम ने आगे कहा कि 400 साल पहले की बात करें तो यूपी देश का सबसे समृद्ध राज्य था। लेकिन, व्यापक रूप से लूटपाट, शोषण और अराजकता थी। विदेशी आक्रांताओं ने हमले किए। अंग्रेजों ने भी लूटपाट की। इसके बावजूद, जब 1947 में देश को आजादी मिली, तो उत्तर प्रदेश भारत की अर्थव्यवस्था में नंबर एक था।
1960 के बाद गिरावट शुरू हुई। 2016 तक प्रदेश का योगदान घटकर सिर्फ 8 फीसदी रह गया। जब नीतियां स्वार्थ, वोट बैंक की चिंता और पारिवारिक हितों की रक्षा को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं, तो वे बर्बादी की ओर ले जाती हैं। जैसा कि उन लोगों ने उत्तर प्रदेश को पहुंचाया।
इस अवसर पर व्यावसायिक शिक्षा मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि यह अवसर न केवल चयनित अभ्यर्थियों के जीवन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार करेगा। बल्कि, प्रदेश सरकार के इस संकल्प का भी प्रमाण है कि योग्यता के आधार पर पारदर्शिता के साथ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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कुल 1851 चयनित अनुदेशक विभाग को प्राप्त होंगे
कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए प्रदेश के 286 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 92 व्यवसाय संचालित हैं। इनमें 1,84,280 सीटें उपलब्ध हैं। इन संस्थानों में 7768 अनुदेशक के पद स्वीकृत हैं। इनमें से 6577 नियमित और 1191 आउटसोर्सिंग के हैं। वर्ष 2022 में रिक्त 2406 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से प्रारम्भ की गई थी। इसके तहत 1510 अनुदेशकों का चयन हुआ है। शेष 341 पदों का परिणाम भी शीघ्र घोषित होने की संभावना है। इस प्रकार कुल 1851 चयनित अनुदेशक विभाग को प्राप्त होंगे।
आठ वर्षों में 60 से अधिक नए राजकीय आईटीआई स्थापित किए गए हैं। वर्तमान में 324 राजकीय आईटीआई के माध्यम से 82 ट्रेड में लगभग 1.84 लाख युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसके लिए मासिक फीस मात्र 40 रुपए निर्धारित की गई है। साथ ही प्रदेश के लगभग 3000 निजी आईटीआई में छह लाख सीटों पर प्रशिक्षण उपलब्ध है।
4.13 लाख से अधिक युवाओं को कंपनियों में नौकरी का अवसर मिला
सरकार ने राजकीय आईटीआई के लिए प्रधानाचार्यों के 150 से अधिक और प्रशिक्षकों के 1510 रिक्त पदों पर नियुक्ति की है। इसके अतिरिक्त 900 से अधिक पद आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरे गए हैं। भविष्य की तकनीकों जैसे सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, लेजर कटिंग, सीएनसी, थ्री डी प्रिंटिंग, डिजिटल कम्युनिकेशन आदि में युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए आईटीआई का उन्नयन किया जा रहा है। रोजगार मेलों के माध्यम से भी प्रदेश में 1736 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इनमें 4.13 लाख से अधिक युवाओं को 2537 कंपनियों में नौकरी का अवसर मिला है।
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