रूस, भारत और चीन की एकता देखकर डरा NATO? यूक्रेन युद्ध को लेकर इस नेता ने दिया बड़ा बयान

रूस और यूक्रेन युद्ध में खत्म करने और पूर्ण शांति बहाल कराने को लेकर लगातार कोशिशें की जा रही हैं. नाटो में शामिल देश रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाने के लिए लगातार यूक्रेन की मदद कर रहे हैं. इस बीच यूक्रेन के सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ताओं में शामिल देश जर्मनी के सुर बदल गए हैं.

जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे यह बात परेशान कर रही है कि हम यूरोपीय इस समय इस स्थिति में नहीं है कि हम इस युद्ध (यूक्रेन युद्ध) को खत्म करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर पर्याप्त दबाव बना सकें. इसलिए हम अमेरिका की ओर से मिलने वाली मदद पर निर्भर हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम दूसरी ओर यह भी देख रहे हैं कि आज चीन, भारत, ब्राजील और दुनिया के कई अन्य देश भी खुले तौर पर रूस और पुतिन के साथ खड़े हो रहे हैं.’

पुतिन-मोदी-जिनपिंग की मुलाकात के बाद आया जर्मन चांसलर का बयान

जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज का यह बयान चीन के तियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की वार्षिक शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के कुछ दिनों के बाद सामने आया है. ऐसे में जर्मन चांसलर के बयान इस बात की ओर से इशारा कर रहा है कि 31 देशों के समूह वाला नाटो रूस, भारत और चीन की एकता को देखकर भयभीत हो गया है.

डोनाल्ड ट्रंप की नीति के खिलाफ रणनीति पर RIC ने की चर्चा

चीन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति जिनपिंग ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की. इस दौरान तीनों नेताओं ने अमेरिका के वर्तमान रवैये को लेकर भी चर्चा की. वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए प्रतिबंध और भारी टैरिफ को लेकर रणनीति पर भी चर्चा की.

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