प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में बाढ़ से प्रभावित हुए राज्यों में जल्द ही दौरा करेंगे और बाढ़ से हुई तबाही और नुकसान की भी समीक्षा करेंगे. इस बात की जानकारी सरकारी सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने दी है.
सरकारी अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि कुछ राज्य सरकारें इस भीषण आपदा से निपटने के लिए केंद्रीय राहत कोष की मांग कर रहे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद बाढ़ और लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से प्रभावित हुए राज्यों का दौरा करेंगे और स्थिति की समीक्षा भी करेंगे.
कई राज्यों में लगातार बारिश के कारण 500 से ज्यादा लोगों की मौत
देश के कई राज्यों में लगातार मानसूनी बारिश हो रही है. इन राज्यों में मुख्य रूप से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा शामिल हैं, जहां इस भयानक मौसम के कारण अभी तक 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, पिछले दो दिनों में भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और मकान ढहने के कारण भी दर्जनों लोग अपनी जान गवां चुके हैं.
लगातार बारिश से नदियों में उफान और खेत हुए जलमग्न
उत्तर भारत के यह सभी राज्यों दशकों में पहली बार सबसे खराब मौसम आपदाओं का सामना कर रहे हैं. इन राज्यों में लगातार बारिश के कारण कई नदियों में उफान आया है, नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं, कई हाईवे भूस्खलन के कारण ब्लॉक हो चुके हैं, खेत पूरी तरह से जलमग्न हो गए, इससे फसलें नष्ट हो गईं और इसके अलावा हजारों की तादाद में लोग इन सभी आपदा प्रभावित इलाकों में फंसे हुए हैं.
हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों में मची है तबाही
इस भयानक आपदा के कारण हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों में व्यापक रूप से तबाही मची हुई है. राज्य पूरी तरह से विनाशकारी मानसून की मार झेल रहा है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के आंकड़ों के मुताबिक, 20 जून से अब तक राज्य में 355 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से 194 लोगों की मौत भूस्खलन, फ्लैश फ्लड, बिजली गिरने और डूबने के कारण हुई है, जबकि 161 लोगों की मौत भारी बारिश के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में हुई है.
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