Kuki-Zo Council: कुकी-जो काउंसिल (केजेडसी) ने गुरुवार को एक अहम बयान जारी करते हुए साफ कर दिया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (इम्फाल-दीमापुर) को फिर से खोलने का सवाल ही नहीं उठता है क्योंकि यह सड़क कभी बंद नहीं हुई थी. परिषद ने चेताया कि उसके इस फैसले को मेइती और कुकी क्षेत्रों में स्वतंत्र या अप्रतिबंधित आवाजाही के समर्थन के रूप में न समझा जाए.
केजेडसी ने कहा कि इम्फाल-दीमापुर एनएच-2 लगातार यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई के लिए खुला रहा है इसलिए कुछ मीडिया रिपोर्टों में इसे दोबारा खोलने की खबरें भ्रामक हैं. परिषद ने साफ किया कि उसकी अपील केवल कांगपोकपी जिले से गुजरने वाले हिस्से तक सीमित थी, जहां स्थानीय लोगों से केंद्रीय सुरक्षा बलों को सहयोग देने का आग्रह किया गया था.
बफर जोन पर को लेकर कही ये बात
केजेडसी ने दोहराया कि मेइती और कुकी-जो इलाकों के बीच बने बफर जोन की शुचिता का सख्ती से पालन किया जाएगा. परिषद ने कहा कि उसका कोई भी बयान बफर ज़ोन में बिना रोक-टोक आवाजाही के समर्थन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की
परिषद ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रियों और माल ढुलाई की सुरक्षा सुनिश्चित करना भारत सरकार और केंद्रीय सुरक्षा बलों की जिम्मेदारी है. कांगपोकपी की जनता या केजेडसी पर इस सुरक्षा की गारंटी देने का कोई दायित्व नहीं है. गृह मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि एनएच-2 पर आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पर्याप्त केंद्रीय बल तैनात किए जाएंगे, ताकि यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
शांति की दिशा में समझौता
इसी बीच दो प्रमुख कुकी-ज़ो संगठनों ने सरकार के साथ नई शर्तों पर अभियान निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के तहत संगठन मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने, संवेदनशील इलाकों से निर्दिष्ट शिविरों को स्थानांतरित करने और राज्य में स्थायी शांति व स्थिरता लाने के लिए सहयोग करने पर सहमत हुए हैं.
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