नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) जहां एक ओर दुनिया के तमाम देशों पर टैरिफ बम फोड़कर दादागिरी की धौंस दिखा रहे हैं, तो वहीं ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज (Global Rating Agency Moody’s) ने उन्हें बड़ा झटका दिया है। अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में मूडीज ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका गंभीर मंदी की कगार पर पहुंच गया है। बता दें कि यूएस इकोनॉमी (US Economy) का एक तिहाई हिस्सा पहले से ही संकट से जूझ रहा है। ये चेतावनी ट्रंप ही नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए एक बुरी खबर है।
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मूडीज एनालिटिक्स के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जैंडी (Mark Zandi, Chief Economist of Moody’s Analytics) ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि राज्य-स्तरीय आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं, कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी के कगार पर है। उन्होंने विश्लेषण के आधार पर कहा कि हालात ये हैं कि अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद (US GDP) का लगभग एक-तिहाई हिस्सा बनाने वाले राज्य या तो मंदी की चपेट में हैं या मंदी के हाई रिस्क में पहुंच चुके हैं।
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) जीडीपी ग्रोथ रेट (GDP Growth Rate) और महंगाई के आंकड़ों को भले ही आर्थिक सफलता का प्रमाण बता रहे हैं। साथ ही टैरिफ के पॉजिटिव असर के दावे कर रहे हैं, लेकिन मूडीज के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका एक और मंदी के मुहाने पर खड़ा है, जिससे भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
मंदी के खतरे में राज्य, नौकरियां खत्म
रिपोर्ट में जैंडी के हवाले से कहा गया है कि अमेरिका की जीडीपी (GDP) का एक तिहाई हिस्सा जिन राज्यों के आता है, वो मंदी से गुजर रहे हैं या मंदी के खतरे में हैं। वहीं एक तिहाई राज्यों की ग्रोथ स्थिर दिख रही है, जबकि बचे हुए एक तिहाई राज्यों में ही वृद्धि दर्ज की जा रही है। मार्क जैंडी के मुताबिक, सरकारी नौकरियों में कटौती के कारण संकट बढ़ता नजर आ रहा है। उन्होंने कहा है कि उत्तर-पूर्व, मध्य-पश्चिम और वाशिंगटन डीसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा असर दिखा है, जहां नौकरियों कम हो रही हैं। ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद जनवरी से मई तक वाशिंगटन डीसी में 22,100 सरकारी नौकरियां खत्म की गई हैं।
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विनिर्माण पीएमआई लगातार छठे महीने घटा
हाल ही में आई रॉयटर्स की रिपोर्ट भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था (American Economy) में मंदी के खतरे से जुड़े कुछ संकेत शेयर किए गए। इसमें बताया गया कि अगस्त 2025 में अमेरिका का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई घटकर 48.7 पर आ गया है और कारखानों की स्थिति ‘US Great Recession’ के समय से भी बदहाल बताई जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, जहां अमेरिका दुनियाभर के देशों पर टैरिफ अटैक कर रहा है, तो वहीं अगस्त में अमेरिकी विनिर्माण क्षेत्र में लगातार छठे महीने तेज गिरावट दर्ज की गई है। इसकी वजह बताते हुए कहा गया है कि देश के कारखाने ट्रंप प्रशासन के आयात शुल्कों के दुष्प्रभावों से जूझ रहे हैं। यानी साफ है कि टैरिफ फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने वाला साबित हो रहा है। मैन्युफैक्चरर्स ने टैरिफ टेंशन के बीच मौजूदा कारोबारी माहौल को महामंदी से भी बदतर करार दिया है।
आंकड़ों को दरकिनार कर रहे ट्रंप
इंस्टीट्यूट फॉर सप्लाई मैनेजमेंट (ISM) के सर्वे का हवाला देते हुए रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ मैन्युफैक्चरर ने ये साफ किया है कि अत्यधिक आयात शुल्कों के कारण अमेरिका में वस्तुओं का निर्माण अब मुश्किल होता जा रहा है। जबकि दूसरी ओर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने तमाम संकेतों और आंकड़ों के बावजूद अपने ट्रेड पॉलिसी का बचाव कर रहे है और टैरिफ के देश के हित में उठाया गया कदम बताते हुए इसे लंबे समय से गिरते अमेरिकी औद्योगिक आधार को पुनर्जीवित करने के लिए जरूरी बताते नजर आ रहे हैं।
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