Editor’s Take: GST पर बड़ा रिफॉर्म या दिखावा? किन सेक्टर और शेयरों को फायदा? जीएसटी रेट कट पर अनिल सिंघवी का बड़ा एनालिसिस

Editor’s Take: GST काउंसिल की मैराथन बैठक के बाद आए फैसलों ने बाजार और आम उपभोक्ता दोनों को राहत की बड़ी खुराक दी है. दरअसल, सरकार ने सिर्फ दिखावे के लिए नहीं बल्कि पूरे दिल से जीएसटी दरों में कटौती की है. ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने इसे 2019 के कॉरपोरेट टैक्स कट के बाद का सबसे बड़ा रिफॉर्म बताया है. आइए जानते हैं उनका पूरा विश्लेषण.

ये बड़ा रिफॉर्म है या सिर्फ दिखावा?

अनिल सिंघवी का कहना है कि यह कदम सिर्फ बड़ा नहीं बल्कि बहुत बड़ा रिफॉर्म है. इस बार जीएसटी कटौती दिखावे के लिए नहीं की गई, बल्कि ईमानदारी से हर ज़रूरतमंद सेक्टर को फायदा पहुंचाने के लिए की गई है. शायद ही कोई ऐसा मामला बचा हो जहां उम्मीदें थीं और जीएसटी नहीं घटा हो. इंश्योरेंस से लेकर सीमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर डेली यूज प्रोडक्ट्स तक, लगभग सभी सेक्टर्स को इस राहत का सीधा असर मिलेगा.

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कैसे और कितना फायदा होगा इकोनॉमी को?

सरकार को इस फैसले से करीब 48,000 करोड़ रुपये का जीएसटी कम मिलेगा. लेकिन सिंघवी मानते हैं कि खपत बढ़ने से यह घाटा पूरा हो जाएगा. कम जीएसटी दरों की वजह से कारोबार में तेजी आएगी और कंपनियों की आय बढ़ेगी. नतीजतन, नेट-नेट सरकार को शायद कोई बड़ा नुकसान न हो, बल्कि इकोनॉमी को मजबूती ही मिले.

बड़े टैरिफ का मुकाबला हो पाएगा GST कट से?

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अनिल सिंघवी के मुताबिक, सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह कमर कसकर टैरिफ का मुकाबला करने के लिए तैयार है. रात 10-11 बजे हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस खुद इस सोच में बड़े बदलाव का प्रतीक है. उनका मानना है कि टैरिफ का असर दो तरीकों से काउंटर किया जा सकता है—पहला, घरेलू खपत बढ़ाकर और दूसरा, अमेरिका के अलावा दूसरे देशों में एक्सपोर्ट बढ़ाकर.

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किन सेक्टर्स-शेयरों को होगा फायदा?

इस रिफॉर्म से सबसे बड़ा फायदा सीधे-सीधे चुनिंदा सेक्टर्स और कंपनियों को होगा.

इंश्योरेंस सेक्टर: लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी शून्य हो गया है. इससे LIC, HDFC Life, SBI Life जैसी कंपनियों को लाभ.

ऑटो सेक्टर: टू-व्हीलर, छोटी कारें और ऑटो पार्ट्स पर जीएसटी 28% से घटकर 18% हो गया है. Hero Moto, TVS Motors, Ashok Leyland जैसे स्टॉक्स फोकस में.

सीमेंट: जीएसटी 28% से घटकर 18%. Ultratech, Shree Cement, Ambuja पर असर.

इलेक्ट्रॉनिक्स: TV, AC, किचन एप्लायंसेज़ पर जीएसटी 18%. Voltas, Blue Star, Dixon Tech को फायदा.

FMCG और फूड: बटर, घी, चीज़, नमकीन, ड्राई फ्रूट्स, चॉकलेट और कॉफी पर जीएसटी 5%. ITC, Nestle, Britannia जैसे स्टॉक्स पर असर.

हेल्थकेयर: कैंसर की दवाएं पूरी तरह जीएसटी मुक्त, बाकी दवाओं पर सिर्फ 5%.

हॉस्पिटैलिटी: 7500 रुपये तक के होटल रूम पर टैक्स 12% से घटकर 5%. Lemon Tree, Royal Orchid जैसे स्टॉक्स को राहत.

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कितनी तेजी होगी बाजार में?

अनिल सिंघवी मानते हैं कि यह रिफॉर्म्स बाजार की बड़ी तेजी का आधार बनेंगे. इसे दिनों या हफ्तों की बजाय लंबी तेजी के तौर पर देखना चाहिए. उनका कहना है कि निफ्टी का शॉर्ट-टर्म टार्गेट 24,950 से 25,150 के बीच हो सकता है. हालांकि, तीन चुनौतियां बनी रहेंगी—टैरिफ का मुद्दा कब सुलझेगा, कंपनियों की कमाई कितनी सुधरेगी और एफआईआई की बिकवाली कब रुकेगी. फिर भी जीएसटी कट से टैरिफ टेरर का असर काफी हद तक कम हो जाएगा और अक्टूबर से मार्च की छमाही में कॉर्पोरेट नतीजे सुधरने की पूरी उम्मीद है.

शेयर खरीदने से पहले Fine Prints में बड़ा Alert

अनिल सिंघवी ने निवेशकों को सतर्क किया है कि जीएसटी दरें घटने से उपभोक्ताओं को तो फायदा होगा, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी बढ़े. वजह है इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का एडजस्टमेंट. कई कंपनियों को ITC का फायदा नहीं मिलेगा, जिससे उनके मार्जिन पर दबाव आ सकता है. खासकर हेल्थ इंश्योरेंस, सीमेंट, दवाओं और पर्सनल केयर सर्विसेज जैसी कंपनियों पर यह असर देखने को मिल सकता है.

GST कट में कहां है Surprise, कहां है Shock?

बड़ी मोटर साइकिल पर जीएसटी घटना बाजार के लिए पॉजिटिव सरप्राइज है. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर जीएसटी बढ़ने का डर था, लेकिन सरकार ने इसे जस का तस रखा. वहीं, टोबैको कंपनियों के लिए बड़ा सरप्राइज यह है कि लोन खत्म होने के बाद उनके ऊपर कंपेनसेशन सेस हट जाएगा.

कुल मिलाकर, अनिल सिंघवी का मानना है कि यह रिफॉर्म्स कंज्यूमर्स और इकोनॉमी दोनों के लिए वरदान साबित होंगे. कंपनियों के लिए भी यह राहत का पैकेज है, लेकिन असली गेम खपत और कारोबार के बढ़ने पर निर्भर करेगा.

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