Sugar Stocks: सरकार ने दी एक बड़ी मंजूरी, फटाक से 20% तक उछल गए इन शुगर कंपनियों के शेयर – sugar stocks dhampur sugar mills balrampur chini mills shree renuka sugars shares rocketed know reason

Sugar Stocks: शुगर कंपनियों के शेयर आज रॉकेट बन गए। धामपुर शुगर मिल्स (Dhampur Sugar Mills), बलरामपुर चीनी मिल्स (Balrampur Chini Mills), श्री रेणुका शुगर्स (Shree Renuka Sugars), और त्रिवेणी इंजीनियरिंग (Triveni Engineering) जैसी शुगर कंपनियों के शेयरों पर निवेशक टूट पड़े जिससे भाव तेजी से ऊपर भाग गए। शुगर स्टॉक्स में यह तेजी सरकार के एक नोटिफिकेशन के चलते आई जो सोमवार को जारी हुई थी। इसमें ये है कि शुगर मिल्स और डिस्टलरीज को नवंबर से शुरू हो रहे अगले एथेनॉल सप्लाई वर्ष 2025-26 में बिना किसी लिमिट के एथेनॉल बनाने की मंजूरी मिल गई है। एथेनॉल सप्लाई वर्ष नवंबर से अक्टूबर का होता है।

एनएसई पर धामपुर शुगर मिल्स के शेयर कारोबार के अंत में 11% उछलकर ₹140.20, बलरामपुर चीनी मिल्स के शेयर 4.5% उछलकर ₹566.00, त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज के शेयर करीब 2.82% चढ़कर ₹359.55 और श्री रेणुका शुगर्स के शेयर 13% की तेजी के साथ ₹32.56 पर पहुंच गए। इसके अलावा बजाज हिंदुस्तान शुगर के शेयर 21.23% और गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज में भी 5% का अपर सर्किट लगा। इसके शेयर कारोबार के अंत में 272.31 रुपए पर बंद हुए हैं। sराजश्री शुगर एंड केमिकल्स के शेयर तो 20% के अपर सर्किट ₹45.26 पर पहुंच गए।

लेकिन इस बात की होगी समय-समय पर जांच

सरकार ने अगले एथेनॉल सप्लाई वर्ष में अनलिमिटेड एथेनॉल बनाने की मंजूरी दे दी है। फूड मिनिस्ट्री के नोटिफिकेशन के मुताबिक सुगर मिल्स एंड डिस्टिलरीज गन्ने के जूस, शुगर सिरप, बी-हेवी मोलासेस और सी-हेवी मोलासेस से बिना किसी लिमिट के एथेनॉल बनाने की मंजूरी मिली है। हालांकि कितने शुगर को एथेनॉल बनाने के लिए भेजा जाएगा, इसकी समय-समय पर समीक्षा की जाएगी, ताकि देश में चीनी की पर्याप्त सप्लाई बनी रहे। यह काम फूड मिनिस्ट्री और पेट्रोलियम मिनिस्ट्री मिलकर करेंगे। इस एथेनॉल सप्लाई वर्ष 2024-25 की बात करें तो सरकार ने 40 लाख टन चीनी को ही एथेनॉल बनाने के लिए भेजने की मंजूरी दी है।

क्या है सरकार की योजना?

सरकार एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) प्रोग्राम के तहत पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने को प्रोत्साहित कर रही है। सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल में एथेनॉल मिलाकर बेच रही हैं। इस एथेनॉल सप्लाई वर्ष में सरकारी तेल कंपनियों ने 31 जुलाई 2025 तक के आंकड़ों के हिसाब से औसतन 19.05% एथेनॉल मिलाने का लेवल हासिल किया है। बता दें कि पहले सरकार की योजना 20% एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल का लक्ष्य वर्ष 2030 तक हासिल करने का था लेकिन फिर इसे एथेनॉल सप्लाई वर्ष 2025-26 कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है मामला

पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है लेकिन देश भर में 20% एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP-20) लागू करने की योजना को चुनौती देने वाली याचिका खारिज हो गई। याचिका में आरोप लगाया गया था कि अप्रैल 2023 के पहले की बनी गाड़ियां एथेनॉल वाले पेट्रोल से चलने लायक नहीं बनी हैं। साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि BS-VI मानकों पर खरी उतरने वाली दो साल पुरानी गाड़ियां भी 20% एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल से चलने लायक नहीं है। यह याचिका एक एडवोकेट अक्षय मल्होत्रा ने दायर की थी और इसमें मांग की थी कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को सभी पेट्रोल पंपों पर बिना एथेनॉल वाले पेट्रोल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाए। याचिका के विरोध में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा कि इस नीति को लागू करने से पहले यह मामला पूरी तरह से जांचा जा चुका है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह नीति गन्ना किसानों के लिए फायदेमंद है और इससे विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी।

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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