Bihar Rajya Jeevika Nidhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी (2 सितंबर) को बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ करेंगे। जीविका निधि ग्रामीण महिला उद्यमियों को किफायती दर पर धन उपलब्ध कराएगी। यह योजना पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संचालित होगी, जिससे प्रत्यक्ष और पारदर्शी धन हस्तांतरण सुनिश्चित होगा। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जरिये इसके बारे में जानकारी दी है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बिहार की अपनी माताओं, बहनों और बेटियों के पास अवसरों की कोई कमी न रहे, इसके लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में आज दोपहर करीब 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए एक बड़ी पहल का शुभारंभ करूंगा।” पीएमओ की ओर से जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 सितंबर को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री संस्था के बैंक खाते में 105 करोड़ रुपये भी हस्तांतरित करेंगे।
बिहार की अपनी माताओं, बहनों और बेटियों के पास अवसरों की कोई कमी न रहे, इसके लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में आज दोपहर करीब 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए एक बड़ी पहल का शुभारंभ करूंगा। https://t.co/1Sulk0I5Kl
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2025
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जीविका निधि से कैसे मिलेगा लाभ?
पीएमओ के अनुसार, जीविका निधि की स्थापना का उद्देश्य जीविका से जुड़े सामुदायिक सदस्यों को किफायती ब्याज दरों पर आसानी से धनराशि उपलब्ध कराना है। जीविका के सभी पंजीकृत संकुल-स्तरीय संघ इस संस्था के सदस्य बनेंगे। इस संस्था के संचालन के लिए बिहार सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी धनराशि प्रदान करेगी। जीविका के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं में उद्यमिता का विकास पिछले कुछ वर्षों में हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक लघु उद्यम और उत्पादक कंपनियाँ स्थापित हुई हैं। हालाँकि, महिला उद्यमियों को अक्सर 18%-24% की ऊँची ब्याज दर वाली सूक्ष्म वित्त संस्थाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। जीविका निधि की परिकल्पना एक वैकल्पिक वित्तीय प्रणाली के रूप में की गई है ताकि सूक्ष्म वित्त संस्थाओं पर निर्भरता कम हो और कम ब्याज दरों पर समय पर बड़ी ऋण राशि उपलब्ध हो सके।
यह प्रणाली पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर संचालित होगी, जिससे जीविका दीदियों के बैंक खातों में सीधे तेज़ और अधिक पारदर्शी धनराशि हस्तांतरण सुनिश्चित होगा। इसे सुगम बनाने के लिए, 12,000 सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टैबलेट से लैस किया जा रहा है। इस पहल से ग्रामीण महिलाओं में उद्यमिता विकास को मज़बूती मिलने और समुदाय-आधारित उद्यमों के विकास में तेज़ी आने की उम्मीद है। बिहार राज्य भर से लगभग 20 लाख महिलाएँ इस कार्यक्रम की साक्षी बनेंगी।
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