अग्निवीर सैनिकों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। अब उत्तराखंड में अग्निवीरों को रिटायरमेंट के बाद राज्य की सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने मिलेगा। सीएम धामी ने ऐलान करते हुए कहा कि अग्निवीर जवानों के रिटायर होने के बाद राज्य की सरकारी नौकरी में 10 % क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। इस संबंध में कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने क्षैतिज आरक्षण नियमावली-2025 जारी की है।
समूह ‘ग’ के वर्दीधारी पदों पर मिलेगा आरक्षण
रिटायर अग्निवीरों को समूह ग में सभी वर्दीधारी पदों पर आरक्षण दिया जाएगा। इसमें पुलिस कांस्टेबल (सिविल/पीएसी), उपनिरीक्षक, प्लाटून कमांडर पीएसी, फायरमैन, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, बंदी रक्षक, उप कारापाल, वन रक्षक, वन निरीक्षक, आबकारी कांस्टेबल, प्रवर्तन कांस्टेबल और सचिवालय रक्षक जैसे पद शामिल हैं।
2022 में शुरू हुई थी अग्निवीर योजना
केंद्र सरकार ने 14 जून 2022 को सशस्त्र बलों में भर्ती करने के लिए अग्निपथ योजना को मंजूरी दी थी। इन्हें 4 साल के लिए भर्ती किया जाता है। हालांकि शुरू में कई जगह इस योजना का विरोध भी हुआ था तो कई इसके फायदे गिनाए गए थे।
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‘सेवा कर लौटे अग्निवीर राज्य का गौरव’
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि देश की सेवा करके लौटने वाले अग्निवीर राज्य का गौरव हैं। उन्हें सम्मान और रोजगार के अवसर देना हमारा दायित्व है। धामी ने कहा कि यह निर्णय सेवानिवृत्त अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस कदम है। सरकार पूर्व सैनिकों और अग्निवीरों को हर संभव तरीके से रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है।
क्या है क्षैतिज आरक्षण?
क्षैतिज आरक्षण को एक तरह से डबल आरक्षण कह सकते हैं। यह उन लाभार्थी समूहों को दिया जाता है जो पहले से ही ‘ऊर्ध्वाधर’ श्रेणियों (जैसे एससी, एसटी, ओबीसी) में आते हैं। उन्हें विशेष अवसर देने के लिए क्षैतिज आरक्षण दिया जाता है। इसमें महिलाएं, विकलांग व्यक्ति, ट्रांसजेंडर व्यक्ति और भूतपूर्व सैनिक शामिल होते हैं। यह कोटा हर ऊर्ध्वाधर श्रेणी पर अलग से लागू होता है।
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