भारत पर अमेरिका ने 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है और रिश्तों में कड़वाहट आ गई है। अमेरिका ने यह कहते हुए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया कि भारत रूस के साथ तेल का कारोबार कर रहा है। अमेरिका इसे रोकना चाहता था, ऐसे में दबाव बनाने के लिए अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है। अब जब प्रधानमंत्री मोदी SCO समिट में हिस्सा लेने चीन पहुंचे, तो उनकी शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन दोनों से मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री का बड़ा बयान सामने आया है।
भारत में मौजूद अमेरिकी दूतावास की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर विदेश मंत्री मार्को रुबियो का एक बयान शेयर किया गया है, जिसमें लिखा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है। यह 21वीं सदी का एक निर्णायक रिश्ता है। इस महीने हम प्रगति और संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं, जो हमें आगे बढ़ा रही हैं। इनोवेशन और उद्यमिता से लेकर रक्षा और द्विपक्षीय संबंधों तक, यह हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच की स्थायी मित्रता ही है जो इस यात्रा को ऊर्जा प्रदान करती है। इसके साथ ही आह्वान किया गया है कि #USIndiaFWDforOurPeople का हिस्सा बनें।
बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी SCO शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन पहुंचे हैं, उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक की है और तीनों आपस में गर्मजोशी से हंसी मजाक कर रहे हैं। वहीं भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाए जाने की वजह से अमेरिका के साथ रिश्ते में गिरावट आई है।
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वहीं अमेरिका के तमाम अधिकारी भारत के खिलाफ भड़काऊ और विरोध में बयानबाजी कर रहे हैं। खुद ट्रंप प्रधानमंत्री की तारीफ तो करते हैं तो भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की वकालत भी करते हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि ट्रंप ने सिर्फ चिढ़ की वजह से भारत परजुर्माने के तौर पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, इससे भारत में कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लग चुका है।
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