अफगानिस्तान में रविवार देर रात आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। भूकंप की वजह काबूल और कुनार समेत कई प्रांत में 800 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। ऐसे में भारत ने सोमवार को अफगानिस्तान के लिए मदद भेजी है। भारत ने काबुल के लिए 1000 परिवारों के लिए सहायत के लिए टेंट भेजे हैं। इसके अलावा भारतीय मिशन द्वारा 15 टन खाद्य सामग्री तुरंत काबुल और कुनार की ओर भेजी जा रही है। मंगलवार से सिलसिलेवार तरीके से और राहत सामग्री भेजी जाएगी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को अफगान विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्ताकी से फोन पर बात की है। विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान में जान-माल की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त की। एस. जयशंकर ने अफगान विदेश मंत्री से कहा कि भारत की तरफ से हरसंभव मदद की जा रही है। आगे भी ये मदद जारी रहेगी। भारत हर तरह से अफगानिस्तान के साथ है। विदेश मंत्री ने कहा कि वे घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
राहत सामग्री दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचाई
भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि यह सहायता भारतीय वायु सेना के विशेष विमानों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की मदद से काबुल और अन्य क्षेत्रों में पहुंचाई जाएगी। संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और रेड क्रॉस जैसे संगठनों की मदद से यह राहत सामग्री दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचाई जाएगी, ताकि ग्रामीण और संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को भी राहत मिल सके।
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अफगान जनता ने भारत की इस पहल का किया स्वागत
काबुल स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि अफगान जनता ने भारत की इस पहल का तहे दिल से स्वागत किया है। कई स्थानीय संगठनों और नागरिकों ने भारतीय सहयोग की सराहना की और कहा कि भारत ने मुश्किल समय में हमेशा उनका साथ दिया है।
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भारत है सच्चा विश्वसनीय मित्र
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सहायता देखकर अफगान नागरिकों का यह विश्वास और मजबूत हुआ है कि भारत उनका सच्चा विश्वसनीय मित्र है। उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान की मदद जारी रहेगी।
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