भीलवाड़ा के मांडल में भादवी छठ के मौके पर पालना देव मंदिर में जो हुआ, उसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. यह धार्मिक कार्यक्रम था, लेकिन विधायक उदयलाल भड़ाना ने इसे सियासी रणभूमि बना दिया. माइक थामते ही उनका पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उन्होंने जोर-जोर से कहा कि ‘मैं दादा नहीं हूं, मैं गुंडा नहीं हूं, मुझे बदनाम मत करो.’ उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके ऊपर कोई आपराधिक केस नहीं है.
मंच से विधायक भड़ाना की सफाई ने सभी को चौंका दिया. उन्होंने भगवान देवनारायण की कसम खाकर कहा कि गोपाल गुर्जर के जन्मदिन वाले विवाद में उनका कोई हाथ नहीं था. इस दौरान मौजूद भक्त और जनता हैरान रह गए. लोग इसे विधायक की ‘बौखलाहट’ के रूप में देख रहे हैं.
सोशल मीडिया पर ‘जंग’ भड़ाना vs गुर्जर
असल में इस पूरी घटनाक्रम की जड़ सोशल मीडिया है. हिंदू भोज सेना के अध्यक्ष गोपाल गुर्जर ने विधायक के खिलाफ कई आरोप लगाए और उनके वीडियो वायरल हो गए. इन वीडियो ने विधायक के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अब विधायक को सार्वजनिक मंच पर अपने बचाव में सफाई देनी पड़ रही है.
मांडल की राजनीति में नया मोड़
भड़ाना के खिलाफ अंदरूनी चर्चाओं में भारी विरोध है. वहीं, गोपाल गुर्जर को एक मजबूत विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. लगातार वायरल हो रहे वीडियो और जनता के बढ़ते समर्थन ने उनकी लोकप्रियता को और मजबूत किया है. कुछ लोग तो उन्हें भाजपा से टिकट के दावेदार के रूप में भी देख रहे हैं.
मंदिर के इस कार्यक्रम के बाद मांडल की सियासत पहले जैसी नहीं रही. जनता का मूड अब अलग नजर आ रहा है. लोग यह सोच रहे हैं कि अब विधायक अपनी कुर्सी बचा पाएंगे या गोपाल गुर्जर की बढ़ती लोकप्रियता उन्हें सत्ता से बाहर कर देगी.
अब मांडल में यह ‘दादा बनाम गुंडा’ की जंग किस रूप में आगे बढ़ती है, यह समय बताएगा. लेकिन, इतना तय है कि धार्मिक मंच से शुरू हुई यह घटना अब पूरी तरह से राजनीतिक रंग में बदल चुकी है. जनता की नजरें अब विधायक भड़ाना और गोपाल गुर्जर पर टिकी हैं.
Input By : सुरेंद्र सागर
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