रांची। जमीन की खरीद बिक्री में सीएनटी एक्ट का उल्लंघन करने के 15 वर्ष पुराने मामले में झारखण्ड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का पर दोष सिद्ध हो गया है। शनिवार को उनको सात साल की सजा और 2.10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पूर्व मंत्री की पत्नी मेनन एक्का को भी सात साल की सजा और 2.60 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। वहीं अन्य दोषियों को भी पांच साल की सजा सीबीआई कोर्ट ने सुनाई है।
बता दे कि अजय दयाल- सीबीआई की विशेष अदालत ने सीएनटी एक्ट उल्लंघन के 15 साल पुराने मामले में पूर्व मंत्री एनोस एक्का, पत्नी मेनन एक्का, रांची के तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात, राज किशोर सिंह, फिरोज अख्तर, ब्रजेश मिश्रा, अनिल कुमार, मणिलाल महतो, परशुराम केरकेट्टा और ब्रजेश्वर महतो को दोषी करार दिया गया है। एनोस एक्का पर झारखंड में मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करने और फर्जी पते पर आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री करने का गंभीर आरोप है।
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प्रशासनिक पदाधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर बड़े पैमाने पर जमीन की खरीदारी की गयी थी। पूर्व मंत्री एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का के नाम से रांची के हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड़, नेवरी में 4 एकड़ और चुटिया के सिरम टोली मौजा में 9 डिसमिल जमीन की खरीदारी की गयी थी। इन सभी जमीनों की खरीदारी मार्च 2006 से मई 2008 के बीच की गयी थी। वही एक आरोपी गोवर्धन बैठा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है। रांची के तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात, राज किशोर सिंह, फिरोज अख्तर और ब्रजेश मिश्रा को पांच- पांच साल की सजा सुनाई गई है। वहीं अनिल कुमार, मणिलाल महतो, परशुराम केरकेट्टा और ब्रजेश्वर महतो को चार-चार साल की सजा सुनाई गई है।
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