मुरादाबाद:- उत्तर प्रदेश में शिक्षक दिवस के अवसर पर मुरादाबाद से पुरस्कार के लिए अध्यापक नाम का चयन कर लिया गया हैं. शिक्षक पुरस्कार मुरादाबाद के प्राइमरी स्कूल भेंसिया के अध्यापक ठाकुर रविन्द्र पाल सिंह को चयनित किया गया हैं. यह उस प्राइमरी विद्यालय के अध्यापक हैं जहां बच्चों को विज्ञान और अंतरिक्ष की जानकारी देने के लिए नक्षत्रशाला का निर्माण कराया गया था. लेकिन इस विद्यालय के छात्र छात्राओं को नक्षत्रशाला में रखे उपकारणों के नाम तक की जानकारी नहीं हैं. इस खबर को पर्दाफाश न्यूज पर प्रमुखता से दिखाया था. वही शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित अध्यापक ठाकुर रविंद्र पाल सिंह का कहना हैं की वह नक्षत्रशाला के जरिये छात्र छात्राओं को नया सिखने के लिए प्रेरित करते हैं.
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5 सितंबर को शिक्षक दिवस हैं. इस दिन स्कूल कॉलेज में पढ़ाने वाले अध्यापकों का चयन शिक्षक पुरस्कार के लिए किया जाता हैं. शिक्षक दिवस पर मिलने वाले शिक्षक पुरस्कार पर अब राजनितिक लोगों के परिवार से जुड़े लोगों का कब्जा होने लगा हैं. अगर आप राजनीति में हैं और आपके परिवार का कोई सदस्य अध्यापक हैं तो आप इस पुरस्कार के हकदार बन सकते हैं बशर्ते आपकी सरकार में कितनी पकड़ हैं.
कौन हैं मुरादाबाद से शिक्षक दिवस पर शिक्षक पुरस्कार पाने वाले अध्यापक :-
मुरादाबाद के प्राइमरी स्कूल भेंसिया के अध्यापक ठाकुर रविन्द्र पाल सिंह को शिक्षक दिवस पर शिक्षक पुरस्कार देने के लिए चयनित किया गया हैं. वह मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा से विधायक ठाकुर रामवीर सिंह के भाई हैं. कहा जाता हैं की विधायक ठाकुर रामवीर सिंह की गैर मौजूदगी में वह उसी तरह लोगों की समस्या सुनते हैं जैसे उनके भाई सुनते हैं.
शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित अध्यापक रविन्द्र पाल सिंह के विद्यालय का क्या हैं हाल :-
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मुरादाबाद के प्राइमरी स्कूल भेंसिया के अध्यापक ठाकुर रविन्द्र पाल सिंह बच्चों को पढ़ाते हैं और विद्यालय के इंचार्ज भी हैं. 7 अगस्त को पर्दाफाश न्यूज की टीम उनके विद्यालय में बने नक्षत्रशाला पर खबर करने के लिए गयी थी. तो ठाकुर रविन्द्र पाल सिंह तो विद्यालय में नहीं मिले बाकी अध्यापक मिले. जब उनसे बात हुई की नक्षत्रशाला मंडलायुक्त का ड्रीम प्रोजेक्ट हैं उसकी के तहत इस विद्यालय में नक्षत्रशाला का निर्माण 2 लाख 50 हजार रूपये खर्च कर कराया गया था. लेकिन नक्षत्र शाला में अंतरिक्ष और विज्ञान की शिक्षा लेने वाले छात्र छात्राएं इस इस विषय के ज्ञान ने अंजान है. हफ्ते में एक दिन की क्लास पर हफ्ते के छह दिन भारी दिखाई दे रहे थे. नक्षत्र शाला में कक्षा 8 के छात्राओं से जब नक्षत्र शाला में पढ़ाई के बारे में जानकारी की गयी तो नक्षत्रशाला में मौजूद किसी भी उपकरण का नाम नहीं बताया गया. जब एक छात्रा से टेलीस्कोप के बारे में पूछा की इसको क्या कहते है तो उसने बताया की यह दूरबीन है वह टेलीस्कोप नहीं बता सकी. दूसरी छात्रा से जब अंतरिक्ष में जाने वाले रॉकेट के बारे में पूछा तो उसने बताया की यह हवाई जहाज है. कई अन्य छात्राओं से भी नक्षत्र शाला में पढ़ाई के बारे में जानकारी की तो वह एक दूसरे की बगले झाक्ति नजर आयी. वही शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित ठाकुर रविन्द्र पाल सिंह का कहना हैं की उनके द्वारा नक्षत्रशाला के जरिये छात्र छात्राओं को नया सीखने के लिए प्रेरित करते हैं. नक्षत्रशाला का निर्माण हुए एक साल से ज्यादा हो गया लेकिन नक्षत्रशाला के उपकरण के बारे में नहीं जानते तो विज्ञान और अंतरिक्ष की क्या जानकारी होगी.
सुशील कुमार सिंह
मुरादाबाद
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