महाराष्ट्र के पालघर जिले में वसई विरार की एक चार मंजिला रिहायशी बिल्डिंग मंगलवार-बुधवार (26-27 अगस्त) की बीच रात गिर गई थी. मलबे में 20 से 25 लोगों के फंसे होने की आशंका लगाई गई थी. हाल में मिले अपडेट के अनुसार, इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई है और NDRF का सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है.
बताया जा रहा था कि बिल्डिंग ऐसी संकरी गली में थी कि न तो वहां रेस्क्यू के लिए गाड़ी जा सकती थी और न ही एंबुलेंस. ऐसे में एनडीआरएफ की टीम को मैन्युअल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा, जिसमें काफी समय लग गया. टीम को आशंका है कि मलबे में अब भी कुछ लोग फंसे हो सकते हैं.
बगल की खाली इमारत पर गिरी थी बिल्डिंग
जांच में पाया गया है कि रमाबाई अपार्टमेंट की यह चार मंजिला रिहायशी इमारत अनधिकृत थी, जिसका एक हिस्सा बगल की खाली इमारत पर गिर गया था. इस बड़े हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 से 6 लोग घायल बताए जा रहे हैं. मलबे में से 6 शव बाहर निकाले गए थे. वहीं, बाकी घायलों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
अवैध इमारत का बिल्डर गिरफ्तार
पुलिस द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक, इमारत पिछला हिस्सा मंगलवार की देर रात 12.05 के करीब ढह गया था. वसई विरार महनगरपालिका (VVMC) द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने इमारत के बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया है. अधिकारियों ने अब तक सात मृतकों की पहचान की है जिनमें आरोही ओंकार जोविल (24), उनकी एक वर्षीय बेटी उत्कर्षा जोविल, लक्ष्मण किस्कू सिंह (26), दिनेश प्रकाश सपकाल (43), सुप्रिया निवालकर (38), अर्नव निवालकर (11) और पार्वती सपकाल के रूप में की गई.
आसपास की सभी चॉल कराई गईं खाली
जिलाधिकारी इंदु रानी जाखड़ ने घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने मलबे में अब भी कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका जताई. पालघर के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विवेकानंद कदम ने बताया कि गनीमत रही कि जिस चॉल या मकान पर इमारत गिरी, वह खाली था. एहतियात के तौर पर इमारत के आसपास की सभी चॉल को खाली करा दिया गया है और उनमें रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है.
ढहे हुए हिस्से में 12 फ्लैट थे
साल 2012 में निर्मित रमाबाई अपार्टमेंट में 50 फ्लैट हैं और ढहे हुए हिस्से में 12 अपार्टमेंट थे. वीवीएमसी के प्रवक्ता ने इमारत के ‘अवैध’ होने की पुष्टि की है. फिलहाल, मलबा हटाने का काम जारी है. इस दुर्घटना के कारण कई परिवार बेघर हो गए हैं. सभी प्रभावित परिवारों को चंदनसर समाजमंदिर में अस्थायी रूप से ठहराया गया है. उन्हें भोजन, पानी, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सेवाएं दी जा रही हैं.
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