Shri Ganesh Stuti path: सभी भगवानों में श्रीगणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाती है. इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 27 अगस्त 2025, बुधवार के दिन है. इस गणेशोत्सव श्री गणेश स्तुति का पाठ करना शुभ माना जाता है.
इसका पाठ करने से सभी तरह के विघ्न दूर होते हैं. इस स्तुति में गणेश जी के दिव्य स्वरूप, उनके नाम,गुण और कृपा का जिक्र किया गया है.
श्री गणेश स्तुति का पाठ करने से विद्या, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. जब आप किसी भी तरह का नया काम, पूजा, यात्रा या परीक्षा देने जा रहे हो तो श्री गणेश स्तुति का पाठ करने से सभी तरह के विघ्न दूर होते हैं.
क्योंकि बप्पा को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं श्री गणेश स्तुति पाठ का का अर्थ हिंदी में.
श्री गणेश स्तुति श्लोक
- ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम् |
उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम् ||
हिंदी अर्थ- श्री गणेश स्तुति के इस श्लोक का मतलब, वे गजमुख हैं, भूतगणों के द्वारा सेवित हैं, माता-पिता के पुत्र हैं. इस श्लोक में गणेश जी को शोकों का नाश करने वाले विघ्नों को हरने वाला बताया गया है. उनके चरणों में श्रद्धा से नमन करते हैं.
श्लोक 2
- गाइये गणपति जगवंदन |
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
हिंदी अर्थ- इस स्तुति में गणेश जी की सरल और मधुर भक्ति करने की बात कही गई है. इसमें उन्हें संपूर्ण जगत के पूजनीय योग्य देवता बताया गया है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं. भक्त उनका श्रद्धा से स्मरण करते हुए गुणगान करते हैं. उनके कृपाशील स्वरूप की वंदना करते हैं.
श्लोक 3
- सिद्धी सदन गजवदन विनायक |
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक ॥
हिंदी अर्थ- श्री गणेश स्तुति के तीसरे श्लोक में कहा गया है कि, गणेश जी को सिद्धि-सदन कहकर सिद्धियों का धाम बताया गया है. गजबदन अर्थात हाथीमुख वाले और विनायक यानी विघ्नों के नाशक और करुणा के सागर हैं. सभी कार्यों के लिए योग्य व समर्थ हैं.
श्लोक 4
- मोदक प्रिय मृद मंगल दाता |
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥
हिंदी अर्थ- इस श्लोक में गणेश जी के मधुर स्वभाव और भक्तों को आशीर्वाद के रूप में सुखदायी गुणों का वर्णन किया गया है. उन्हें मोदक अच्छे लगते हैं. प्रसन्नता और मंगल के दाता हैं. ज्ञान और बुद्धि के अक्षय स्त्रोत हैं. यह श्लोक उन्हें विद्या और आनंद का देवता मानकर गान करने की प्रेरणा देता है.
श्लोक 5
- मांगत तुलसीदास कर ज़ोरे |
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥
हिंदी अर्थ- इस अंतिम श्लोक में भक्ति की चरम अभिव्यक्ति के बारे में बताया गया है. तुलसीदास जी हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं कि भगवान गणेश उनके मन में सदा राम-सीता सहित वास करें. गणेश जी पवित्र संबंध का प्रतीक है.
श्री गणेश स्तुति की रचना अलग-अलग संतों और ऋषियों ने की है. लेकिन शंकराचार्य द्वारा रचित श्री गणेश स्तुति एक प्रसिद्ध रचना है. जिसका पाठ करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है.
FAQs
Q1. गणेश चतुर्थी साल 2025 में कब है?
साल 2025 में गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025, बुधवार के दिन है.
Q2. श्री गणेश स्तुति का पाठ कब करना चाहिए?
श्री गणेश स्तुति का पाठ किसी भी नए कार्य, पूजा, यात्रा, परीक्षा या शुभ कार्य से पहले करना शुभ माना जाता है.
Q3. श्री गणेश स्तुति का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं?
इसका पाठ करने से विद्या, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है तथा जीवन से सभी तरह के विघ्न दूर होते हैं.
Q4. श्री गणेश स्तुति किसने रची है?
श्री गणेश स्तुति की रचना कई संतों और ऋषियों ने की है, परंतु सबसे प्रसिद्ध स्तुति आदि शंकराचार्य द्वारा रचित मानी जाती है.
Q5. श्री गणेश स्तुति में किसका वर्णन किया गया है?
इसमें भगवान गणेश के दिव्य स्वरूप, उनके गुण, नाम और कृपा का सुंदर वर्णन मिलता है.
Q6. क्या गणेश चतुर्थी पर श्री गणेश स्तुति का पाठ विशेष फल देता है?
हां, गणेश चतुर्थी के दिन स्तुति पाठ करने से विघ्नहर्ता गणपति की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सफलता के मार्ग खुलते हैं.
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