नई दिल्ली। अमेरिका की पूर्व राजदूत और रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने कहा कि भारत को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूसी तेल को लेकर चिंता को गंभीरता से लेना चाहिए। जल्द से इसका जल्द व्हाइट हाउस के साथ मिलकर समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच दशकों की दोस्ती और गुडविल मौजूदा तनाव से आगे बढ़ने की मजबूत नींव देती है।
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हेली ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि भारत को रूसी तेल के मुद्दे पर ट्रंप की बात को गंभीरता से लेना चाहिए और व्हाइट हाउस के साथ मिलकर इसका समाधान तलाशना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके, उतना बेहतर होगा। दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच दशकों की दोस्ती और सद्भावना मौजूदा तनाव से आगे बढ़ने की मजबूत नींव देती है। उन्होंने कहा कि व्यापारिक मतभेद और रूसी तेल आयात जैसे मुद्दों पर कठिन बातचीत जरूरी है, लेकिन हमें इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि सबसे अहम हमारे साझा लक्ष्य हैं। चीन का सामना करने के लिए अमेरिका के पास भारत के रूप में एक दोस्त होना ही चाहिए।
व्यापार और रूसी तेल पर विवाद
निक्की हेली ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच हाल के दिनों में तनाव काफी बढ़ गया है। भारत के तरफ से बड़ी मात्रा में रूसी तेल खरीदना व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन पर हमले को आर्थिक मदद दे रहा है। इसके चलते ट्रंप प्रशासन ने भारत को 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। यह कदम उन 25 प्रतिशत शुल्कों के ऊपर है जो भारतीय सामानों पर पहले से लगाए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पारंपरिक रूप से दुनिया की सबसे प्रोटेक्शनिस्ट (संरक्षणवादी) अर्थव्यवस्थाओं में से रहा है। साल 2023 में भारत का औसत टैरिफ अमेरिकी औसत से पांच गुना ज्यादा था।
भारत को चीन से अलग देखना होगा
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हाल ही में न्यूजवीक में लिखे अपने एक आर्टिकल में निक्की हेली ने जोर देकर कहा कि भारत को चीन जैसा नहीं समझा जाना चाहिए। चीन ने भी रूस से तेल खरीदा है, लेकिन उसे अब तक किसी तरह के प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ा है। अगर अमेरिका और भारत के रिश्ते खराब होते हैं, तो यह 25 साल की प्रगति को बर्बाद कर देगा और चीन को बड़ा फायदा मिल जाएगा।
आपूर्ति श्रृंखला और रक्षा में भारत की अहमियत
हेली ने कहा कि अल्पकाल में भारत अमेरिका के लिए बेहद जरूरी है, ताकि चीन से सप्लाई चेन को हटाया जा सके। कई ऐसे उत्पाद हैं जिन्हें अमेरिका में तुरंत बड़े पैमाने पर बनाना संभव नहीं है, जैसे – कपड़ा, सस्ते मोबाइल फोन और सोलर पैनल। इनका विकल्प सिर्फ भारत ही दे सकता है।
रक्षा क्षेत्र में भारत की अमेरिका, इजरायल और अन्य सहयोगी देशों से बढ़ती नजदीकियां बेहद अहम हैं। भारत अमेरिकी रक्षा उपकरणों के लिए तेजी से बढ़ता बाजार है और उसकी भागीदारी मध्य पूर्व को स्थिर करने में भी मदद कर सकती है। भारत की भौगोलिक स्थिति भी रणनीतिक रूप से बेहद अहम है, क्योंकि वह चीन की ऊर्जा और व्यापार मार्गों के केंद्र में स्थित है। अगर बड़ा संघर्ष हुआ तो भारत चीन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
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