मध्य प्रदेश के इंदौर नगर निगम ने मुस्लिम बहुल इलाकों में सड़कों के नए नाम वाले साइनबोर्ड हटा दिए हैं. आरोप है कि यह साइनबोर्ड विवादित हैं क्योंकि इन रास्तों का अवैध रूप से नामकरण किया गया है. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और बीजेपी नेता आकाश विजयवर्गीय ने इसपर आपत्ति व्यक्त की थी और कहा था कि सड़कों के नाम ‘विशेष धर्म’ से जुड़े हैं.
दरअसल, आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा को एक पत्र लिखा, जिसके जरिए यह दावा किया कि चंदन नगर की कुछ सड़कों पर ‘विशेष धर्म’ के नाम वाले साइनबोर्ड लग रहे हैं. बिना प्रशासन की जानकारी के यह अवैध परिवर्तित नाम वाले साइनबोर्ड लगाए दिए गए हैं.
STORY | Signboards with new street names in Muslim area of Indore removed after BJP leader’s objection
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— Press Trust of India (@PTI_News) August 22, 2025
मेयर ने कही वार्ड पार्षद पर कार्रवाई की बात
बीजेपी नेता आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम आयुक्त को चेतावनी भी दी कि अगर तुरंत ये साइनबोर्ड हटाए न गए तो उग्र आंदोलन होगा. जब मामले ने तूल पकड़ लिया तो इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने गुरुवार (21 अगस्त) को कहा कि वार्ड पार्षद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
पार्षद ने सभी आरोप किए खारिज
वहीं, पार्षद के पति रफीक खान का कहना है कि ये सभी आरोप गलत हैं. उनकी पत्नी ने मुस्लिम बहुल इलाकों में सड़कों के नए नाम की इजाजत नहीं दी है. उन्होंने दावा किया कि दो साल पहले ही नगर निगम से अनुरोध किया गया था कि सड़कों के नाम वाले साइनबोर्ड जगह-जगह लगाए जाएं क्योंकि लोगों को पता ढूंढने में मुश्किल होती है. इसके बाद एक्शन लेते हुए खुद नगर निगम ने चालीस साल से चले आ रहे नामों के आधार पर नए साइनबोर्ड बनाकर लगाए.
साइन बोर्ड पर क्या लिखा था
नगर निगम ने चंदन नगर से जो बोर्ड हटाए हैं, उनमें एक ही सड़क के दो नाम थे. एक बोर्ड पर ‘सकीना मंजिल रोड’ के साथ ही ‘चंदन नगर सेक्टर-बी वॉर्ड क्रमांक दो’ भी लिखा गया था. इसी तरह, ‘रजा गेट’ के साथ ‘लोहा गेट रोड’ लिखा था. स्थानीयों का कहना है कि ये बोर्ड आम लोगों की सहायता के लिए लगाए जाते हैं. ये रास्ते दोनों नामों से जाने जाते हैं. अगर एक नाम हटा दिया तो लोगों को सही जगह पहुंचने में तकलीफ होगी.
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