नई दिल्ली। अब जुमे की नमाज न पढ़ने वाले लोगों को जेल भेजा जाएगा। यह निर्णय मलेशिया की सरकार ने लिया है। इस देश के एक सूबे ने ऐसा कानून बनाया है, जिससे लोगों की टेंशन बढ़ गई है। मलेशिया के एक राज्य ने घोषणा की है कि जुमे की नमाज न पढ़ने वाले लोगों को जेल भेजा जाएगा और उन पर जुर्माना भी लगेगा।
पढ़ें :- VIDEO: जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला ने मज़ार-ए-शुहादा की चारदीवारी फांदकर पढ़ी नमाज़, एक दिन पहले किए गए थे नजरबंद
तेरेंगानु राज्य ने चेतावनी दी है कि वह शरिया कानून को पूरी तरह से लागू करने जा रहा है। ऐसे में बिना किसी ठोस कारण के जुमे की नमाज न पढ़ने पर मुस्लिम पुरुषों को दो साल तक की कैद हो सकती है। इस कदम को बहु-सांस्कृतिक मलेशिया में धार्मिक रूढ़िवाद की ओर झुकाव का प्रतीक माना जा रहा है। प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के कार्यकाल में मलेशिया में धार्मिक कट्टरता काफी ज्यादा बढ़ी है। अभी कुछ महीने पहले ही मलेशिया में सैकड़ों साल पुरानी एक मंदिर को हटाकर वहां मस्जिद का निर्माण किया गया था, जिसका उद्घाटन अनवर इब्राहिम ने किया था। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी के शासन वाले तेरेंगानु राज्य ने सोमवार को घोषणा की कि पहली बार ऐसा अपराध करने वोलों को अब न केवल जेल की सजा होगी, बल्कि बिना किसी वैध कारण के जुमे की नमाज में शामिल न होने पर 3,000 रिंगित (61,780 रुपये) तक का जुर्माना या दोनों भी हो सकते हैं। राज्य के सूचना, उपदेश और शरिया सशक्तिकरण मंत्री मुहम्मद खलील अब्दुल हादी ने कहा कि इस कानून का उद्देश्य लोगों को यह याद दिलाना है कि जुमे की नमाज केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं है, बल्कि मुसलमानों के बीच आज्ञाकारिता की अभिव्यक्ति भी है। तेरेंगानु राज्य में इससे पहले केवल लगातार तीन जुमे की नमाज न पढ़ने वालों को ही दंड का सामना करना पड़ता था। इस राज्य में नमाज को लेकर सख्ती को राजनीति से भी जोड़ा जा रहा है। कहा जा रहा है कि तेरेंगानु राज्य पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी का राजनीतिक गढ़ है। यह पार्टी धार्मिक अपराधों के लिए कड़ी सजा का समर्थन करती है। ऐसे में वह खुद को इस्लाम के ज्यादा करीब बताकर मुस्लिम राज्य में ज्यादा से ज्यादा वोट हासिल करना चाहती है।
Read More at hindi.pardaphash.com