Gold Price: बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण सोने की कीमतें 2025 की दूसरी छमाही में भी ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं. यह जानकारी ट्रेडिंग और निवेश प्लेटफॉर्म वेंचुरा सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में दी गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमत कॉमेक्स पर 3,600 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है, जो इस साल 7 अगस्त को दर्ज गई 3,534.10 डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई से भी ज्यादा है.
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि कीमत में उछाल मजबूत ईटीएफ इनफ्लो, केंद्रीय बैंकों की स्थिर खरीद और भारत के ग्लोड इन्वेस्टमेंट मार्केट में मजबूत रिटेल निवेशकों की भागीदारी के कारण है.
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20 में से 14 वर्ष में सोने ने दिया पॉजिटिव रिटर्न
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में से 14 वर्षों में सोने से मिले पॉजिटिव एनुअल रिटर्न इस बात को दर्शाता है कि पीली धातु में मूल्य को सुरक्षित रखने की अभूतपूर्व क्षमता है और मुद्रास्फीति से बचाव का एक अच्छा माध्यम है.
सोने की कीमतों में निरंतर बढ़ोतरी की संभावना
वेंचुरा के कमोडिटी प्रमुख, एनएस रामास्वामी ने कहा, धीमी वैश्विक वृद्धि, नीतिगत अनिश्चितता और बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच पोर्टफोलियो में सोने का रणनीतिक महत्व बढ़ गया है. मुद्रास्फीति के दबाव, अमेरिकी डॉलर में नरमी और अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में अपेक्षित कटौती के साथ, हमें 2025 के बाकी समय में सोने की कीमतों में निरंतर बढ़ोतरी की संभावना दिखाई दे रही है.
Gold ETF होल्डिंग 42% बढ़कर 66.68 टन
भारत की गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) होल्डिंग्स 30 जून, 2025 तक सालाना आधार पर 42% बढ़कर 66.68 टन हो गई.
जबकि एयूएम 88% बढ़कर 64,777 करोड़ रुपए हो गया.
निवेशक खातों की संख्या 41% बढ़कर 76.54 लाख हो गई.
Gold ने निफ्टी 50 से दोगुना रिटर्न दिया
पिछले तीन वर्षों में इस पीली धातु ने निफ्टी 50 के 11% की तुलना में 23% का औसत वार्षिक रिटर्न दिया है. रिपोर्ट में बताया गया कि मौजूदा अस्थिर बाजार परिस्थितियों में गोल्ड पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन प्रदान कर सकता है, जिससे बिकवाली के दौरान पोर्टफोलियो के नुकसान को कम किया जा सकता है.
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